Bihar Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त दो दिनों के बिहार दौरे पर हैं. आज उन्होंने विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं के बारे में जाना. इसके साथ ही वह 5 अक्टूबर को प्रशासन के साथ बैठक करेंगे. उसके बाद अगले हफ्ते में चुनाव की तारीखों का एलान हो जाएगा. ऐसे में जब बिहार एक बारि फिर से चुनाव के मुहाने पर खड़ा है तो हम आपको राज्य के एक ऐसी विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे जिस पर अब तक कुल 18 बार चुनाव हो चुका है. लेकिन हर बार सिर्फ यादव जाति के नेता को ही यहां से जीत मिली है. किसी और जाति या धर्म के नेता इस सीट से विधानसभा नहीं पहुंच पाए हैं.
कौन सी है यह सीट?
बिहार के सारण जिले में स्थित परसा विधानसभा सीट पर अब तक 18 बार चुनाव हो चुका है. लेकिन इस सीट की खास बात ये है कि यहां की जनता ने कभी गैर-यादव को विधानसभा नहीं पहुंचने दिया. यहां के लोगों की जातीय निष्ठा इतनी गहरी है कि वे नेताओं के दल बदलने पर भी प्रभावित नहीं होते. हालांकि इस सीट पर पिछले कुछ सालों से मुकाबला राजद बनाम जदयू रहा है, लेकिन इसमें भी कोई एक स्थायी नहीं है.

1951 मेंं अस्तित्व में आई यह सीट
बिहार विधानसभा की यह सीट 1951 में अस्तित्व में आई. यहां 1952 में पहला चुनाव हुआ और कांग्रेस के टिकट पर दरोगा प्रसाद राय जनता की पहली पसंद बने. इसके बाद अगले 7 विधानसभा चुनावों तक जनता का मोहभंग बिल्कुल नहीं हुआ. इसके बाद 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में रामानंद प्रसाद यादव ने यहां से जीत दर्ज की. हालांकि वो भी यादव जाति से ही आते थे. इसके बाद से परसा की जनता ने तीन अलग-अलग चुनाव में दूसरे लोगों को मौका दिया.
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हालांकि, 1985 के चुनाव में जनता ने फिर से दरोगा प्रसाद राय के परिवार पर ही भरोसा जताया और दरोगा प्रसाद राय के बेटे चंद्रिका राय ने पिता की राजनीतिक विरासत को बखूबी संभाला और वे लगातार 5 विधानसभा चुनावों में विजयी रहे. हालांकि, उन्होंने समय के अनुसार राजनीतिक पार्टियों को बदलने का सिलसिला बनाए रखा. 2015 में छठी बार उन्हें जीत मिली थी. हालांकि 2020 में यहां से छोटे लाल राय ने राजद के टिकट पर चुनाव जीता और वो भी यादव समुदाय से ही आते हैं.

दरोगा प्रसाद राय की पोती से हुई लालू यादव के बेटे की शादी
बता दें कि यहां से लगातार 7 बार विधायक रहे और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती और चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय की शादी लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव के साथ हुई. हालांकि, तेज प्रताप और ऐश्वर्या राय का रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चला. इस कारण चंद्रिका प्रसाद ने राजद से इस्तीफा दे दिया और अगले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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