Dularchand Murder Case: दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर उनके पोते नीरज कुमार के बयान पर जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह, उनके भतीजे राजवीर सिंह, कर्मवीर सिंह और सहयोगी छोटन सिंह व कंजय सिंह के खिलाफ में केस दर्ज किया गया है.
नीरज ने पुलिस को क्या बताया
नीरज ने पुलिस को दिये गये अपने बयान में बताया कि उसके दादा जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष के प्रचार में गये थे. इसी दौरान रास्ते में उनके दादा दुलारचंद यादव के साथ आरोपियों ने गाली-गलौज की. इसके बाद उन्हें गाड़ी से बाहर खींच लिया गया और अनंत सिंह ने पिस्तौल निकाल कर गोली चला दी, जो उनके बायें पैर में लगी. उनके दादा जमीन पर गिर गये और बाद में आरोपियों ने उनकी पिटाई करने के बाद जीप से दो-तीन बार कुचल दिया. आरोपियों ने जब देखा कि उनके दादा की मौत हो गयी है तो सभी भाग निकले. अस्पताल ले जाने के दौरान दादा की मौत हो गयी.
अनंत सिंह समर्थकों ने भी किया केस, प्रियदर्शी पीयूष सहित अन्य को बनाया आरोपी
दुलारचंद हत्याकांड के मामले में अनंत सिंह समर्थकों ने भी भदौर थाने में केस दर्ज कराया है. नालंदा जिले के हरनौत के पुवारी गांव निवासी जितेंद्र कुमार ने लिखित आवेदन बाढ़ थानाध्यक्ष को दिया. इसके बाद उनके आवेदन को भदौर थाना भेज दिया गया. बयान के आधार पर भदौर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है. जितेंद्र कुमार के अनुसार वे मोकामा विधानसभा क्षेत्र के जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी अनंत कुमार सिंह के प्रचार कार्य में भदौर के असताबाद खंधा के पास से गुजर रहे थे.
इसी दौरान पड़ोसी गांव तारतर के पास अनंत सिंह की गाड़ी आगे निकल गयी और वे लोग पीछे छूट गये. इसी दौरान जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी, चकदह निवासी लखन महतो, बाजो महतो, बलबा निवासी नितेश महतो, तरौना निवासी ईश्वर महतो, पोखरपुर निवासी अजय महतो आदि ने सुनियोजित तरीके से जान मारने की नीयत से हमला कर दिया और तोड़फोड़ शुरू कर दीं. उसे भी मार कर जख्मी कर दिया. वह अपने अन्य लोगों के साथ किसी तरह जान बचाकर भागे.
उमानाथ घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
दुलारचंद यादव का शव का पोस्टमार्टम के बाद परिजनाें को सौंप दिया गया. पोस्टमार्टम रूम के बाहर समर्थकों व पुलिस के बीच हल्की फुल्की नोंक-झोंक भी हुई. इसके बाद दुलारचंद के शव को पहले उनके घर पर लाया गया. इसके बाद फिर शव उमानाथ घाट पर लाया गया. जहां अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान जगह-जगह पर शव को रोक कर समर्थकों ने पुष्पांजलि अर्पित की.
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पोस्टमार्टम के लिए नहीं जाने दे रहे थे शव
दुलारचंद की हत्या के बाद लोगों में काफी आक्रोश था. लोग शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं जाने दे रहे थे. इसके बाद पुलिस ने समझाया तो परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए माने.
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