Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में शुक्रवार को अचानक गर्माहट आ गई, जब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पटना हाईकोर्ट दरगाह पहुंचे और पूरे परिवार संग चादरपोशी की. उर्स मुबारक के मौके पर उन्होंने प्रदेश में शांति, सद्भाव और तरक्की की दुआ मांगी. लालू यादव ने इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर लिखा कि समाज में प्रेम और मेलजोल बढ़े, इसके लिए प्रार्थना की गई है.
विपक्ष का हमला, तुष्टिकरण का आरोप
लालू की इस धार्मिक गतिविधि ने तुरंत राजनीतिक रंग ले लिया. बीजेपी ने उन पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप जड़ते हुए कहा कि लालू का कुनबा हमेशा से धर्म को वोट बैंक से जोड़ता रहा है. पार्टी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने तंज कसा- “लालू कभी शंकर भगवान को जल नहीं चढ़ाते. भगवा रंग से इन्हें चिढ़ है और चादरपोशी को ही राजनीति का साधन बना लिया है.”
जदयू ने साधा निशाना, कहा- मन्नत है बेटे को सीएम बनाने की
जदयू ने भी लालू पर चुटकी ली. प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पूजा-पाठ के विरोधी रहे लालू अब दरगाह और गया में पिंडदान तक करने लगे हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा- “चादरपोशी का सबको अधिकार है, लेकिन लालू यादव की मन्नत साफ है कि बेटा तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए. जनता सब जानती है और इससे उन्हें कोई फायदा नहीं मिलने वाला.”
सियासी संदेश या आस्था?
लालू प्रसाद की दरगाह यात्रा को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह महज आस्था का प्रदर्शन था या फिर चुनावी मौसम को देखते हुए राजनीतिक संदेश. बीजेपी और जदयू दोनों ने इसे सीधे-सीधे वोट बैंक की राजनीति से जोड़ा है, जबकि लालू समर्थकों का कहना है कि समाज में भाईचारा और अमन-चैन के लिए यह प्रार्थना थी.
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