Bihar Election 2025: दरभंगा में वोटर अधिकार यात्रा के मंच से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी स्वर्गीय मां और बहन को लेकर की गई अमर्यादित टिप्पणी अब बिहार की सियासत का केंद्र बन चुकी है. बयानबाजी के इस विवाद ने महागठबंधन को रक्षात्मक मुद्रा में ला दिया है, जबकि एनडीए ने इसे एक बड़े राजनीतिक हथियार में तब्दील कर दिया है.
एनडीए सम्मेलन में लगे नारे
पूर्णिया सदर विधानसभा स्तर पर आयोजित एनडीए सम्मेलन में इसका असर साफ दिखा. शहर के कलाभवन में आयोजित कार्यक्रम में लगे पोस्टरों पर मुख्य स्लोगन था- “मां का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान”. बारिश के बीच भी भरे हॉल में नेताओं के भाषण और कार्यकर्ताओं के नारे इसी मुद्दे पर केंद्रित रहे.
लालन सिंह ने राहुल-तेजस्वी पर बोला हमला
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और मंत्री लेशी सिंह सहित सभी वक्ताओं ने कांग्रेस और राजद को आड़े हाथों लिया. खासकर ललन सिंह ने राहुल और तेजस्वी को कठघरे में खड़ा करते हुए राजनीतिक शुचिता पर सवाल उठाए और इसे प्रधानमंत्री की गरिमा से जुड़ा मामला बताया.
व्यक्तिगत हमलों उतर आए हैं विपक्षी दल- एनडीए
एनडीए नेताओं का कहना था कि विपक्षी दल अपनी हताशा में अब व्यक्तिगत हमलों तक उतर आए हैं, लेकिन जनता इसे अपमान के रूप में देख रही है. मंच से यह भी दावा किया गया कि इस टिप्पणी ने न सिर्फ एनडीए कार्यकर्ताओं में नया जोश भर दिया है बल्कि आम लोगों की भावनाओं को भी गहराई से झकझोरा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा की धार कुंद कर सकता है. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जहां युवाओं और किसानों के मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे थे, वहीं यह घटना एनडीए को नैतिक बढ़त देने का काम कर रही है.
चुनाव में लगातार गूंजता रहेगा यह मुद्दा
महागठबंधन के कुछ नेताओं ने भी अनौपचारिक तौर पर स्वीकार किया कि विपक्षी मंच से हुई यह टिप्पणी एनडीए के लिए अप्रत्याशित वरदान साबित हो सकती है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल समेत कई नेताओं ने साफ संकेत दे दिए हैं कि आगामी चुनाव में यह मुद्दा लगातार गूंजता रहेगा.
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