Bihar Election 2025 Exit Poll: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान खत्म होते ही अब सबकी नजरें एग्जिट पोल के आंकड़े की ओर है. 20 जिलों की 122 सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम तक चली वोटिंग के बाद सभी एजेंसियां अपने आंकड़े जारी कर दिए हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में एनडीए की सरकार बनती नजर आ रही है.
इन एजेंसियों ने जारी किए आंकड़े
शाम होते-होते CHANAKYA STRATEGIES, MATRIZE-IANS, POLSTRAT, पोल डायरी, टाइम्स नाउ और पोल डायरी जैसी एजेंसियों ने अपने अनुमान जारी कर दिए हैं. ये अनुमान तय नहीं करते कि कौन जीता, लेकिन ये जरूर बताते हैं कि जनता किसको पसंद कर रही है.
एग्जिट पोल के अनुसार किस पार्टी को मिल रहीं कितनी सीटें?
- बिहार में MATRIZE-IANS के आंकड़ों के अनुसार NDA को 147-167 और महागठबंधन को 70-90 सीटें आ रही हैं. वहीं अन्य को 2-6 सीटें मिल रही हैं. MATRIZE ने जनसुराज पार्टी को दी 0 से 2 सीटें.
- CHANAKYA STRATEGIES के अनुसार बिहार में NDA को 130-138 और महागठबंधन को 100-108 सीटें मिल रही हैं. अन्य को 3 से 5 सीटें मिल रही हैं.
- बिहार चुनाव में POLSTRAT का भी एग्जिट पोल सामने आया है. जिसमें NDA को 133-148 और महागठबंधन को 87-102 सीटें मिल रही हैं. वहीं अन्य के खाते में 3 से 5 सीटें जाने की उम्मीद है.
- टाइम्स नाउ के मुताबिक बिहार में एनडीए को 143 और महागठबंधन को 95 सीटें मिल रही हैं. वहीं अन्य के खाते में 5 सीटें जा रही हैं.
- पोल डायरी के एग्जिट पोल के मुताबिक NDA को 184-209 और महागठबंधन को 32 से 49 सीटें मिल रही हैं. वहीं अन्य को 1-5 सीटें मिल सकती हैं.
इस बार मुकाबला सीधा एनडीए बनाम महागठबंधन
बिहार की राजनीति का इतिहास भी इस उत्सुकता को और तेज कर देता है. 2005 से 2020 तक नीतीश कुमार किसी न किसी गठबंधन के साथ सत्ता में जरूर रहे. 2015 में महागठबंधन जीता जरूर, लेकिन उसमें भी नीतीश ही चेहरे थे. इस बार मुकाबला सीधा एनडीए बनाम महागठबंधन का है, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज और ओवैसी की AIMIM ने लड़ाई में थोड़ा मसाला जरूर डाला, पर सत्ता की लड़ाई दो खेमों के बीच ही रही.
मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
पहले फेज में 65 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था और दूसरे फेज में भी मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. राज्य में हुई रिकॉर्ड वोटिंग ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है. मतदाताओं की यह सक्रियता बताती है कि वे बदलाव या स्थिरता, किसी एक को लेकर बेहद साफ और दृढ़ मन से मतदान करने पहुंचे थे.
2015 में गलत निकले थे एग्जिट पोल के आंकड़े
एग्जिट पोल का इतिहास बताता है कि यह हमेशा सटीक नहीं बैठते. 2015 में भी ज्यादातर सर्वे ने करीबी मुकाबले की बात कही थी, लेकिन जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ी, महागठबंधन भारी बहुमत के साथ आगे निकल गया. इस बार भी तस्वीर तभी साफ होगी जब 14 नवंबर को असली गिनती शुरू होगी.

