Bihar Election Result 2025: बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन रही है. अब तक वोटों की गिनती जारी है. लेकिन, रुझानों से साफ तय है कि एनडीए की ही जीत निश्चित है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बधाई दे दी है. इसके साथ ही एनडीए के घटक दल जीत का जश्न भी मना रहे हैं. इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार की जोड़ी हिट बन गई है. एक बार फिर बिहार की जनता ने दोनों की जोड़ी को पसंद किया. ऐसे में आइये 5 प्वाइंट्स में जानते हैं दोनों की जोड़ी को फिर क्यों जनता ने स्वीकार किया है.
सीएम नीतीश और पीएम मोदी पर जनता का भरोसा
जिस तरह से बिहार की जनता ने एक बार फिर एनडीए को समर्थन किया और जमकर वोटिंग की. इसके साथ ही शुरुआत के रुझानों से लगातार एनडीए बढ़त बनाई हुई है. इससे साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार की जनता ने भरोसा जताया है. पिछले 20 सालों से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. इसके बावजूद एक बार फिर जनता ने उन पर भरोसा जताया है. एनडीए के कई घटक दलों के प्रत्याशियों ने जीत पक्की भी कर ली है.
महिलाओं ने एनडीए सरकार को किया समर्थन
बिहार की महिलाओं ने भी एनडीए को सपोर्ट किया. दरअसल, इस बार के बिहार चुनाव में पुरूषों से ज्यादा महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत रहा. ऐसे में महागठबंधन की तरफ से महिलाओं का सपोर्ट उन्हें मिलने के दावे किये जा रहे थे. लेकिन जिस तरह से अब तक के रुझान आये हैं, उससे साफ दिख रहा कि कहीं ना कहीं महिलाओं ने सीएम नीतीश कुमार को सपोर्ट किया. ऐसा कहा जा रहा है कि जिस तरह से नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिये योजनाएं लाई, वे ही रंग लाई है.
तेजस्वी को सीएम नहीं बनाना चाहती जनता
जिस तरह से शुरुआत के रुझानों से एनडीए बढ़त बनाई हुई है, उससे साफ हो गया है कि तेजस्वी यादव को बिहार की जनता उन्हें सीएम फेस के तौर पर स्वीकार नहीं करना चाहती. इसके बदले एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार को ही जनता ने मौका दिया है. मालूम हो, महागठबंधन से सीएम फेस तेजस्वी यादव और उपमुख्यमंत्री का फेस मुकेश सहनी थे. इसे लेकर कई बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गये थे. बिहार चुनाव की वोटिंग के बाद तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की सरकार बनने का दावा भी किया था. लेकिन, वे दावे फेल हो गये हैं. पीएम मोदी और सीएम नीतीश को जनता ने फिर चुना है.
जनसुराज को भी बिहार की जनता ने किया रिजेक्ट
तेजस्वी यादव के अलावा प्रशांत किशोर की पार्टी को भी बिहार की जनता ने रिजेक्ट कर दिया है. दरअसल, प्रशांत किशोर इस बार चुनाव में नया चेहरा थे. इसके साथ ही उनकी पार्टी को एक नया ऑप्शन के तौर पर माना जा रहा था. साथ ही एनडीए या फिर महागठबंधन को वे नुकसान पहुंचायेंगे, इसे लेकर खूब चर्चा थी. लेकिन बिहार की जनता ने प्रशांत किशोर को नकार दिया है. अब तक किसी भी सीट पर उनकी पार्टी के प्रत्याशी ने जीत हासिल नहीं की.
महागठबंधन का वोट चोरी का मुद्दा भी फेल
बिहार चुनाव की वोटिंग से पहले महागठबंधन ने वोट चोरी का मुद्दा जमकर उठाया था. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं की तरफ से वोट चोरी को लेकर खूब बयानबाजी हुई थी. लेकिन, यह मुद्दा भी फेल हो गया. इसके साथ ही अब रुझानों से साफ हो गया कि एनडीए की एक बार फिर जीत और महागठबंधन की हार हो गई है.

