Bihar Assembly Elections: राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा वादा किया है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी सरकार बनाती है तो हर घर में सरकारी नौकरी होगी. इससे हर परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी करेगा और राज्य के कामकाज में भाग लेगा. सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर इस योजना का कानून बन जाएगा और अगले 20 महीने में इसे लागू कर दिया जाएगा.
गठबंधन में शामिल दल ही उठा रहे सवाल
तेजस्वी यादव के इस वादे पर महागठबंधन के अंदर मतभेद दिखाई दे रहा है. पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में लोगों के लिए सरकारी नौकरी सबसे बड़ा मुद्दा नहीं है. तेजस्वी यादव के ‘हर घर सरकारी नौकरी’ का मतलब सिर्फ रोजगार देने का है, जरूरी नहीं कि वह केवल सरकारी नौकरी ही हो.
अशोक गहलोत ने भी किया समर्थन
पप्पू यादव के साथ-साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा चुनाव के पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने भी तेजस्वी यादव के वादे का समर्थन नहीं किया. जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या इस घोषणा से महागठबंधन में शामिल दल सहमत हैं तो उन्होंने कहा कि कुछ चीजें हैं जिन्हें हम सरकार बनने पर करना चाहते हैं. लेकिन सबकुछ अंतिम रूप से महागठबंधन का घोषणापत्र आने के बाद साफ हो जाएगा.
गुरुवार को तेजस्वी ने की थी घोषणा
तेजस्वी यादव ने गुरुवार को हर परिवार में एक सरकारी नौकरी देने की घोषणा की. महागठबंधन का ऑफिसियल घोषणापत्र अभी नहीं आया है. इस वजह से कुछ दलों में इस मुद्दे पर असमंजस पैदा हो गया है.
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तेजस्वी और कांग्रेस नेताओं के बात में क्या अंतर
तेजस्वी का कहना है कि इस योजना से बिहार के हर परिवार को सरकारी नौकरी मिलेगी और लोग सीधे राज्य के कामकाज में भाग लेंगे. महागठबंधन के घटक दलों का कहना है कि घोषणापत्र आने के बाद ही स्पष्ट रूप से तय होगा कि किन वादों को लागू किया जाएगा. पप्पू यादव और अशोक गहलोत दोनों इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सरकारी नौकरी ही सबसे बड़ा मुद्दा नहीं है और रोजगार देने का मतलब सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं हो सकता.
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