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Cruise Control क्या है, कार में कैसे काम करता है यह फीचर?

Cruise Control: क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल करने पर कार का माइलेज बेहतर होता है. इसके साथ-साथ कार की ड्राइविंग करने में आसानी हो जाती है. मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों में क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

Cruise Control: अगर आप कार खरीदने जाते हैं, तो क्या करते हैं? दाम देखते हैं या फिर उसका काम? काम का अर्थ सिर्फ उसके चलने से नहीं होता है. काम का अर्थ उसके इंजन, फीचर, वेरिएंट, कलर्स आदि से होता है. कार में कितने फीचर्स होते हैं और वे किस प्रकार के काम करते हैं, आपको इसका पता भी है क्या? कार का इंटीरियर फीचर, एक्सटीरियर फीचर और सेफ्टी फीचर अलग-अलग होते हैं. इन सबका अपना अलग-अलग काम है. इन्हीं फीचर्स में से एक फीचर क्रूज कंट्रोल भी है. आइए, जानते हैं कि इस फीचर क्या है, यह कैसे काम करता है?

क्रूज कंट्रोल क्या है?

क्रूज कंट्रोल एक ऐसा फीचर है, जो तभी काम करता है, जब आप स्थिर गति से गाड़ी चलाते हैं. यह एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है, जो आपको अपनी कार को एक विशिष्ट गति पर सेट करने मदद करता है. इस फीचर को ऑन कर देने के बाद एक्सिलेटर पैडल को दबाए रखने की जरूरत नहीं पड़ती. आम तौर पर इसका इस्तेमाल लॉन्ग ड्राइव के समय किया जाता है, जब कार का चालक लंबे समय से गाड़ी चलाते-चलाते थक जाता है. खास बात यह है कि इसका इस्तेमाल हाईवे और खुली सड़कों पर किया जाता है. व्यस्त और संकरी सड़कों पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता. हालांकि, यह फीचर सभी कारों में उपलब्ध नहीं होता. क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल करते समय सड़क पर निर्धारित टॉप-स्पीड पर गौर करना भी जरूरी है.

क्रूज कंट्रोल का कैसे किया जाता है इस्तेमाल

कारों में इस फीचर को स्टीयरिंग व्हील की दाईं ओर इंस्टॉल किया जाता है. क्रूज कंट्रोल ऑन करने के लिए बटन को ऑन करना होता है. ऐसा करने से डैशबॉर्ड पर लाइट जलने लगती है. डैशबोर्ड पर लाइट जलने का अर्थ क्रूज कंट्रोल का ऑन होना है. आप जिस स्पीड पर अपनी कार को चलाना चाहते हैं, आपको वह स्पीड सेट करना होता है, तब क्रूज कंट्रोल बटन को प्रेस कर देना है. ऐसा करने के बाद आपकी गाड़ी की स्पीड कंट्रोल में हो जाएगी और आपको बार-बार उसे ऊपर नीचे नहीं करना पड़ेगा. क्रूज कंट्रोल को ऑन करने के बाद आपको हमेशा एक्सिलेटर पैडल पर पैर रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अगर आप क्रूज कंट्रोल को ऑन करने के बाद अपनी गाड़ी की स्पीड को बढ़ाना करना चाहते हैं, तो प्लस आईकन वाला बटन प्रेस कर दें. वहीं, जब आपको गाड़ी की स्पीड कम करनी हो, तो माइनस आईकन वाला बटन प्रेस करना होगा.

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क्रूज कंट्रोल के क्या हैं फायदे-नुकसान

क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल करने पर कार का माइलेज बेहतर होता है. इसके साथ-साथ कार की ड्राइविंग करने में आसानी हो जाती है. इसका इस्तेमाल करके आप एक फिक्स स्पीड पर अपनी कार को चला सकते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल रात में कभी भी नहीं करना चाहिए. जिस व्यक्ति के पास मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार है, उसके लिए यह बेहतर विकल्प नहीं है. इसका सीधा सा अर्थ यह है कि मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों में क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सबसे अहम बात यह है कि यह फीचर सभी सड़कों पर गाड़ी चलाने के लिए नहीं है. इसका इस्तेमाल हमेशा हाईवे और खुली सड़कों पर किया जाता है. भारी ट्रैफिक में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता.

क्रूज कंट्रोल क्या है?

क्रूज कंट्रोल एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है जो आपको अपनी कार को एक निश्चित गति पर सेट करने की अनुमति देता है, ताकि आपको एक्सिलेटर पैडल को लगातार दबाए रखने की आवश्यकता न हो।

क्रूज कंट्रोल का उपयोग कब किया जाता है?

इसका उपयोग आमतौर पर लॉन्ग ड्राइव के दौरान किया जाता है, खासकर हाईवे और खुली सड़कों पर, जहां स्थिर गति बनाए रखना आसान होता है।

क्रूज कंट्रोल को कैसे चालू किया जाता है?

इसे स्टीयरिंग व्हील पर स्थित बटन से चालू किया जाता है। इसे ऑन करने के बाद, आप अपनी इच्छित स्पीड सेट कर सकते हैं।

क्रूज कंट्रोल का क्या फायदा है?

इसका उपयोग करने से कार का माइलेज बेहतर होता है और ड्राइविंग में सुविधा मिलती है, क्योंकि आपको बार-बार स्पीड को एडजस्ट करने की आवश्यकता नहीं होती।

क्या क्रूज कंट्रोल सभी कारों में उपलब्ध होता है?

नहीं, क्रूज कंट्रोल सभी कारों में उपलब्ध नहीं होता है। यह फीचर ज्यादातर उच्च श्रेणी की कारों में पाया जाता है।

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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