रांची: राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में भरती मरीजों को बेड तक सीलबंद खाना मुहैया कराने की नयी व्यवस्था जल्द ही शुरू हो जायेगी. रिम्स प्रबंधन और मरीजों को खाना मुहैया करानेवाली एजेंसी प्राइम सर्विसेज ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. नयी व्यवस्था के तहत मरीजों को उनकी बीमारी के हिसाब से खाना दिया जायेगा. रिम्स में भरती मरीजों की डायट तय करने के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया अपनायी जायेगी. इसके तहत डॉक्टरों काे लिख कर देना होगा कि मरीज को कैसी डाइट दी जोयगी.
डॉक्टरों के परामर्श पर वार्ड की स्टॉफ नर्स डायट चार्ट में मरीज और उसके डायट का प्रकार लिखेंगी. उसके बाद डायटीशियन मरीज की डायट तय करेंगी, जिसे खाना उपलब्ध करानेवाली एजेंसी के पास भेजा जायेगा. इसी ब्योरे के हिसाब से एजेंसी मरीजों का खाना तैयार करेगी.
मरीजों के भोजन का समय निर्धारित
नाश्ता : सुबह 7:30 बजे से 8:30 बजे तक
दोपहर का खाना : दाेपहर 12:00 से 1:00 बजे तक
रात का खाना : शाम 7:00 बजे से रात 8:00 बजे तक
हर मरीज की अलग डायट
डायबिटीज : 1600 से 2500 कैलोरी, कैंसर: 3000 से 4000 कैलोरी, हार्ट : 1000 से 2000 कैलोरी , पेप्टीक अल्सर : अधिक कैलोरी वाले डायट, रीनल डीजिज : 2000 से 2500 कैलोरी
इस तरह का होगा डायट
सामान्य डायट
उपचारात्मक डायट
लिक्विड डायट (क्लीयर लिक्विड) (फूल लिक्विड डायट)
इंटरनल एंड पैरेंटल न्यूट्रेशन फीडिंग
प्री-ऑपरेटिव (ऑपरेशन से पहले) व पोस्ट ऑपरेटिव (ऑपरेशन के बाद)
उपचारात्मक डायट
लिक्विड डायट (क्लीयर लिक्विड) (फूल लिक्विड डायट)
इंटरनल एंड पैरेंटल न्यूट्रेशन फीडिंग
प्री-ऑपरेटिव (ऑपरेशन से पहले) व पोस्ट ऑपरेटिव (ऑपरेशन के बाद)
आउटसोर्सिंग से रिम्स को होगा लाभ : मरीजों के खाने को आउटसोर्सिंग कर देने से रिम्स को भी लाभ होगा. मसलन अगर मरीज की छुट्टी सुबह हो गयी, तो नर्स डायट चार्ट से उस मरीज का नाम हटा देगी. यानी रात में उस मरीज का खाना नहीं बनेगा. इससे रिम्स को उस मरीज के भोजन के मद में 33 रुपये की बचत होगी.

