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बोर्ड से पारित किये बगैर वसूला जा रहा है टैक्स
सुनील कुमार लातेहार : होल्डिंग टैक्स का मामला शहर में तूल पकड़ते जा रहा है. सरकार नगर निकाय को लोकल स्तर पर रेंट व टैक्स फिक्स करने का अधिकार दिया है. म्यूनिसपल एक्ट भी प्रावधित करता है कि लोकल बॉडी ही प्रोपर्टी पर टैक्स निर्धारित करेगी, लेकिन लातेहार नगर निकाय में बोर्ड द्वारा बगैर पारित […]
सुनील कुमार
लातेहार : होल्डिंग टैक्स का मामला शहर में तूल पकड़ते जा रहा है. सरकार नगर निकाय को लोकल स्तर पर रेंट व टैक्स फिक्स करने का अधिकार दिया है. म्यूनिसपल एक्ट भी प्रावधित करता है कि लोकल बॉडी ही प्रोपर्टी पर टैक्स निर्धारित करेगी, लेकिन लातेहार नगर निकाय में बोर्ड द्वारा बगैर पारित किये ही टैक्स फिक्स कर दिया गया है. मामला तूल पकड़ने के बाद टैक्स वसूली करनेवाली एजेंसी स्पाइरो ने टैक्स वसूली काउंटर तो बंद कर दिया, लेकिन रैयतों को जुर्माना के साथ हिसाब भेजना बंद नहीं किया है.
स्पाइरो कंपनी के स्टेट हेड सौरभ पांडेय का कहना है कि लातेहार में जिला प्रशासन ने रेट तय किया है, उसी आधार पर टैक्स जोड़ा जा रहा है. श्री पांडेय ने कहा कि स्थानीय निकाय उक्त टैक्स का निर्धारण नहीं किया है और न तो बोर्ड में पास ही किया है. उन्होंने आगे कहा कि कंपनी की भूमिका सिर्फ जमा कराने की है बाकी सभी जिला प्रशासन एवं नगर निकाय को निर्धारित करना है. उधर, चेयरमैन सुशील कुमार अग्रवाल का कहना है कि फार्म के काॅलमों में भी जिक्र किया गया है कि टैक्स लोकल बाडी से पारित है जो कि गलत है. लातेहार में बोर्ड ने ऐसे किसी भी वसूली का आदेश नहीं पारित किया है. एक्ट के मुताबिक बोर्ड को ही यह तय करना है कि इसका अनुपालन यहां नहीं किया जा रहा है.
नगर पंचायत उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा का भी कहना है कि बगैर लोकल बाडिज के पारित किये गये दर पर अनुमोदन लिये टैक्स ठोंका जाना म्यूनिसिपल एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है. मालूम हो कि सिमडेगा जैसे सुविधा संपन्न शहर में तीन रुपये की दर से टैक्स वसूला जा रहा है पर लातेहार में 8.50 रुपये टैक्स वसूला जा रहा है जबकि यहां सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों से भी बदतर है.
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