Hajj: इस्लाम में हज का बहुत बड़ा महत्व है और ऐसा माना जाता है कि हर आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम मुसलमान को अपने जीवन में एक बार हज करना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मक्का में भीषण गर्मी के चलते साल 2024 में हज के दौरान 1000 से ज्यादा हाजियों की मौत हुई. मरने वालों में बड़ी संख्या में बुजुर्ग शामिल हैं, जिनके लिए अत्यधिक गर्मी झेल पाना मुश्किल साबित हुआ. इन मृतकों में लगभग 100 भारतीय नागरिक भी शामिल हैं. इसके अलावा, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मिस्र और अन्य देशों के नागरिक भी इस दुखद घटना का शिकार हुए हैं.
मक्का में ही किया जाता है अंतिम संस्कार
इस्लामी परंपरा के अनुसार, यदि किसी हाजी की मृत्यु हज यात्रा के दौरान मक्का में होती है, तो उसे वहीं दफनाया जाता है. यह माना जाता है कि मक्का में मृत्यु को एक विशेष दर्जा प्राप्त है और अल्लाह ऐसे लोगों को जन्नत अता करता है. यही कारण है कि आमतौर पर शव को उसके मूल देश नहीं भेजा जाता.
हज समिति से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सऊदी सरकार ने मक्का और विशेष रूप से हरमैन क्षेत्र में हाजियों के शवों को दफनाने के लिए सुनियोजित व्यवस्था की है. हालांकि, यदि किसी हाजी के परिजन शव की मांग करते हैं, तो स्थानीय प्रशासन शव को मूल देश भेजने की प्रक्रिया भी पूरी करता है. लेकिन ऐसा बहुत कम मामलों में होता है. आमतौर पर मृत्यु के बाद सभी धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ दफन की प्रक्रिया सऊदी अरब में ही पूरी कर दी जाती है. बाद में संबंधित परिवार को आधिकारिक मृत्यु प्रमाण पत्र भेजा जाता है.
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