Laughing Photos Of president Xi Trump Meeting: अगर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी मीटिंग में खुलकर हंस दें, तो किसी को अजीब नहीं लगेगा. लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगर हंसें तो वो खबर बन जाती है. माओ त्से तुंग के बाद चीन के सबसे ताकतवर नेता माने जाने वाले शी जिनपिंग आमतौर पर गंभीर चेहरा रखते हैं. लेकिन अब व्हाइट हाउस ने ऐसी तस्वीरें जारी की हैं जिनमें शी मुस्कुराते और ठहाके लगाते नजर आ रहे हैं. और ये वही तस्वीरें हैं जो चीन के लोग शायद कभी न देख पाएं. तो आखिर ऐसा क्या हुआ? और क्यों चीन अपने राष्ट्रपति की हंसी से डरता है? आइए, जानते हैं पूरी कहानी के बारे में.
Laughing Photos Of president Xi Trump Meeting: क्या हुआ था अमेरिका-चीन मीटिंग में
अमेरिका के व्हाइट हाउस ने हाल ही में दक्षिण कोरिया में हुई यूएस-चाइना समिट की तस्वीरें जारी कीं. टॉपिक था अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लिया. कुल 42 तस्वीरें डाली गईं जिसमें 38 रंगीन और 4 ब्लैक एंड व्हाइट. ये मीटिंग गिम्हे एयरफोर्स बेस, बुसान में नारैमोरू रिसेप्शन हॉल में हुई थी. तस्वीरों में दोनों नेता आमने-सामने बैठे थे, दोनों तरफ उनके सलाहकार मौजूद थे. माहौल हल्का और आरामदायक था. फिर ट्रंप ने शी को एक कागज का टुकड़ा दिखाया. पहले शी मुस्कुराए, फिर जोर से हंस पड़े. अब तक कोई नहीं जानता कि उस कागज पर क्या लिखा था, जिसने चीन के राष्ट्रपति को इतना हंसा दिया.
कोरिया में भी ठहाका लगाते हुए आए थे नजर
वैसे यह पहली बार नहीं था जब शी जिनपिंग किसी सार्वजनिक मंच पर हंसे हों. पिछले महीने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग से मुलाकात में भी उन्होंने मजाक किया. ली ने शी को एक लकड़ी का गो-बोर्ड गिफ्ट दिया, जबकि शी ने बदले में दो Xiaomi फोन दिए. ली ने मुस्कुराकर पूछा कि कैसा है इनका कम्युनिकेशन सिक्योरिटी?” इस पर शी ने ठहाका लगाते हुए कहा कि आप चेक कर सकते हैं कि कोई बैकडोर तो नहीं है. (यह बात दिलचस्प इसलिए थी क्योंकि पश्चिमी देश अक्सर चीन पर आरोप लगाते हैं कि उसके बनाए मोबाइल और सॉफ्टवेयर में हैकिंग के बैकडोर होते हैं.)
शी जिनपिंग का छवि
शी जिनपिंग अपनी छवि को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं. वो जनता के सामने लगभग हमेशा गंभीर चेहरे के साथ दिखते हैं चाहे भाषण हो, परेड हो या पार्टी मीटिंग. हाल ही में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की प्लेनम मीटिंग में भी बिना मुस्कुराए भाषण दिया था. चीन में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शी ने सत्ता पर इतना नियंत्रण कर लिया है कि अब लोग उनके हर हावभाव, बोलने के अंदाज, और यहां तक कि बालों के रंग तक का विश्लेषण करने लगे हैं.
चीन के सोशल मीडिया पर शी की हंसी गायब
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर चाहे शी की मुस्कुराती तस्वीरें हों, लेकिन चीन में इन्हें ढूंढना नामुमकिन है. Weibo, Douyin (चीन का TikTok) और Xiaohongshu जैसे प्लेटफॉर्म पर ऐसी कोई तस्वीर नहीं मिलेगी और ऊपर से चीन ने Facebook और X (Twitter) जैसे विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पहले से ही बैन कर रखे हैं. इसलिए व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर दिखने वाली यह “हंसती हुई तस्वीरें” चीन के नागरिकों तक पहुंच ही नहीं सकतीं.
माओ जैसी ऊंचाई
2017 में शी जिनपिंग ने अपनी विचारधारा को एक नाम दिया था “शी जिनपिंग के विचार”. इसे स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल करवा दिया गया. अब तक ऐसा सम्मान सिर्फ माओ त्से तुंग को मिला था. इस कदम ने शी को चीन में वैचारिक रूप से उसी ऊंचाई पर ला दिया, जहां कभी माओ और बाद में देंग शियाओपिंग थे. फर्क बस इतना है कि देंग का नाम उनकी मौत के बाद शामिल किया गया था, जबकि शी ने यह अपने कार्यकाल में ही करवा लिया.
‘विनी द पूह’ और शी जिनपिंग की परेशानी
शी जिनपिंग के छवि नियंत्रण की असली मिसाल है “विनी द पूह” का मामला. 2013 में जब शी अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिले थे तब सोशल मीडिया पर दोनों की एक तस्वीर वायरल हुई. लोगों ने उस तस्वीर की तुलना विनी द पूह और टिगर से कर दी. बस फिर क्या था. यह तुलना मीम बन गई. लोग शी को विनी द पूह कहकर चिढ़ाने लगे. इसके बाद चीन ने Winnie the Pooh पर ही रोक लगा दी. 2018 में फिल्म क्रिस्टोफर रॉबिन को चीन में रिलीज नहीं होने दिया गया, और 2023 में Winnie the Pooh: Blood and Honey को हांगकांग में भी बैन कर दिया गया.
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