US Secy Marco Rubio on Radical Islam: कट्टरपंथी इस्लाम का अधिक क्षेत्रों और लोगों पर नियंत्रण हासिल करने का लक्ष्य दुनिया के लिए एक तत्काल खतरा बन गया है. यह कहना है अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का. बुधवार को उन्होंने कहा कि अमेरिका नाइजीरिया और दुनिया भर में उन लोगों पर वीजा प्रतिबंध लगाएगा जो ईसाइयों के खिलाफ हिंसा का निर्देश देते हैं, अनुमति देते हैं, फाइनेंशियल सपोर्ट करते हैं या समर्थन करते हैं. फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में रुबियो ने कहा कि अमेरिका को सबसे बड़ा खतरा कट्टरपंथी इस्लामवादियों से है, वे अमेरिका को दुनिया की बुराई का मुख्य स्रोत मानते हैं.
रुबियो ने कहा, “कट्टरपंथी इस्लाम ने बार-बार दिखाया है कि उनका उद्देश्य केवल दुनिया के एक हिस्से पर कब्जा करना और एक छोटे से खलीफाई शासन से ही संतुष्ट होना नहीं है; वे विस्तार चाहते हैं. यह विचारधारा क्रांतिकारी प्रकृति की है, जिसका लक्ष्य अधिक क्षेत्रों और अधिक लोगों पर नियंत्रण स्थापित करना है.” उन्होंने आगे कहा कि यह पूरे विश्व और विशेष रूप से पश्चिमी देशों खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक स्पष्ट और सामने दिख रहा खतरा है, जिसे वे अपनी नजर में बुराई का मुख्य स्रोत मानते हैं. रुबियो ने यह भी कहा कि कट्टरपंथी इस्लामवादी आतंकवाद, हत्या, और राजनीतिक हत्याओं को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं, ताकि वे अलग-अलग समाजों और संस्कृतियों पर अपनी ताकत स्थापित कर सकें.
अमेरिका रोकेग समर्थन करने वालों का वीजा
फॉक्स न्यूज इंटरव्यू में उन्होंने कहा- कट्टरपंथी इस्लाम ने खुले तौर पर पश्चिम, अमेरिका और यूरोप पर नजरें गड़ा रखी हैं. हमने इस दिशा में प्रगति भी देखी है. वे आतंकवाद, राज्य-प्रायोजित हिंसा, ईरान के मामले में राजनीतिक हत्याएँ करने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा, रुबियो ने घोषणा की कि अमेरिका उन लोगों के वीजा भी सीमित करेगा जो जानबूझकर निर्देश देते हैं, अनुमति देते हैं, फंडिंग करते हैं, समर्थन करते हैं या ईसाइयों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार में शामिल होते हैं, विशेषकर नाइजीरिया में. एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका नाइजीरिया और दुनिया भर में ईसाइयों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों और हिंसा के जवाब में निर्णायक कदम उठा रहा है. विदेश विभाग उन व्यक्तियों के वीज़ा प्रतिबंधित करेगा जो धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने के लिए निर्देश देते हैं…”
ट्रंप ने दी थी नाइजीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की चेतावनी
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि वाशिंगटन नाइजीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है, यह दावा करते हुए कि देश में ईसाई समुदाय को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और मारा जा रहा है. उनके बयान को अमेरिकी दक्षिणपंथी और इंजील ईसाई समूहों का समर्थन मिला है. शुक्रवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि उन्होंने एक दिन पहले नाइजीरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नुहू रिबाडू और उनकी टीम से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि उनकी बातचीत का मुख्य विषय नाइजीरिया में ईसाइयों के खिलाफ भयावह हिंसा था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले देश नाइजीरिया को बोको हराम और इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रांत (ISWAP) जैसे इस्लामिक उग्रवादी संगठनों से पिछले 15 वर्षों से संघर्ष करना पड़ रहा है. यह विद्रोह मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में केंद्रित है, जिसने हजारों लोगों की जान ली है और लाखों को विस्थापित किया है.
वाशिंगटन डीसी का हमलावर भी अफगान नागरिक
वहीं हाल ही में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में दो नेशनल गार्ड के ऊपर हमला हुआ. इसमें से एक 20 वर्षीय महिला गार्ड सारा की मौत हो गई. हमलावर की पहचान रहमानुल्लाह लाकनवाल के रूप में हुई है. वह अफगानिस्तान से 2021 में आया था. इस घटना के बाद अमेरिका ने वीजा संबंधी प्रक्रिया कठिन कर दी है. ट्रंप ने मंगलवार को घोषणा की वे 19 देशों से आने वाले नागरिकों के लिए वीजा प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं. इनमें अफगानिस्तान और नाइजीरिया दोनों शामिल हैं.

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