US Court Rules Trump Emergency Tariffs Illegal: अमेरिकी संघीय अपील अदालत ने ट्रंप द्वारा आपातकालीन शक्तियों के तहत लगाए गए अधिकतर टैरिफ को अवैध ठहराया. अदालत ने कहा IEEPA में शुल्क लगाने का अधिकार शामिल नहीं है. अब मामला सुप्रीम कोर्ट जाएगा, जबकि ट्रंप और व्हाइट हाउस इस फैसले को चुनौती देने पर अड़े हैं. अमेरिका की संघीय अपील अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों पर बड़ा झटका दिया है. अदालत ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप द्वारा आपातकालीन शक्तियों के तहत लगाए गए अधिकतर टैरिफ कानूनन वैध नहीं हैं. यह निर्णय उनकी व्यापार नीति पर सीधा प्रहार माना जा रहा है और अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकता है.
अदालत का निर्णय और तर्क
वॉशिंगटन डीसी स्थित यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने 7-4 के बहुमत से यह फैसला सुनाया. अदालत ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में कई तरह के कदम उठाने का अधिकार है, लेकिन इनमें टैरिफ या कर लगाना शामिल नहीं है. अदालत ने कहा कि ट्रंप ने 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) की सीमाओं का उल्लंघन किया है. आमतौर पर IEEPA का इस्तेमाल प्रतिबंध लगाने या संपत्ति जब्त करने जैसे कदमों के लिए किया जाता है, लेकिन अदालत ने साफ किया कि इसमें कहीं भी टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं दिया गया है.
किन टैरिफ पर असर?
इस फैसले का असर मुख्य रूप से उन “रेसिप्रोकल ड्यूटीज” पर पड़ेगा, जिन्हें ट्रंप ने अप्रैल में अपने व्यापार युद्ध की रणनीति के तहत लागू किया था. इसके अलावा, फरवरी में चीन, कनाडा और मैक्सिको पर लगाए गए टैरिफ भी इस फैसले से प्रभावित होंगे. हालांकि, स्टील और एल्युमीनियम जैसे सेक्टरों पर लगाए गए शुल्क, जो अलग कानूनों के तहत लागू किए गए थे, इस आदेश से बाहर रहेंगे.
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ट्रंप की प्रतिक्रिया
फैसले के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि अगर ये टैरिफ हटाए जाते हैं, तो यह अमेरिका के लिए “पूरी तरह की तबाही” होगी. ट्रंप ने अदालतों को पक्षपाती बताते हुए भरोसा जताया कि अंततः सुप्रीम कोर्ट उनका समर्थन करेगा.
व्हाइट हाउस का रुख
वाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति के टैरिफ फिलहाल लागू रहेंगे और सरकार को विश्वास है कि अंतिम लड़ाई में जीत उनकी ही होगी. अदालत ने भी अपने आदेश को 14 अक्टूबर तक रोक दिया है, ताकि प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके.

