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US B21 Raider: अमेरिका का ‘हवाई भूत’! B-21 Raider ने भरी उड़ान, क्यों है ये B-2 से भी ज्यादा घातक?

US B21 Raider: अमेरिका ने दुनिया का पहला छठी पीढ़ी का स्टेल्थ बॉम्बर B-21 Raider उड़ाया. B-2 Spirit से भी ज्यादा घातक यह ‘हवाई भूत’ दुश्मन के रडार को धोखा देकर न्यूक्लियर और हाइपरसोनिक हमले कर सकता है. जानिए क्यों दुनिया डर रही है.

US B21 Raider: कोई जहाज आसमान में उड़ रहा हो और दुनिया की सबसे एडवांस रडार तकनीक भी उसे पकड़ न पाए. न सिर्फ इतना, बल्कि वो जहाज हजारों किलोमीटर दूर जाकर परमाणु बम गिरा आए और दुश्मन को पता भी न चले. यही है अमेरिका का नया सुपर हथियार B-21 Raider. अमेरिका की वायुसेना का ये स्टेल्थ बॉम्बर पिछले हफ्ते आसमान में उड़ा और इसके साथ ही साफ हो गया कि 21वीं सदी की हवाई लड़ाई कैसी दिखेगी.

US B21 Raider: पहली उड़ान और बड़ा माइलस्टोन

11 सितंबर 2025 को दूसरा B-21 Raider (टेल नंबर T-2) ने कैलिफोर्निया के पामडेल एयरबेस से उड़ान भरी और जाकर एडवर्ड्स एयरफोर्स बेस पर सुरक्षित लैंड किया. इसे अमेरिका के वायुसेना सचिव ट्रॉय मेनक ने “बड़ा माइलस्टोन” बताया. पहला B-21 (T-1) नवंबर 2023 में उड़ान भर चुका है. अभी टेस्ट फ्लाइट हफ्ते में दो बार हो रही है. छह और B-21 तैयार हो रहे हैं, जिनमें से दो ग्राउंड टेस्ट के लिए तैयार हैं.

आखिर है क्या B-21 Raider?

इस बॉम्बर का नाम रखा गया है डूलिटिल रेडर्स के सम्मान में. ये वही योद्धा थे जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान पर हिम्मतभरा हमला किया था. B-21 Raider दुनिया का पहला छठी पीढ़ी का स्टेल्थ बॉम्बर है. इसे नॉर्थरोप ग्रुम्मन कंपनी ने बनाया है. ये लंबे रेंज के मिशनों के लिए तैयार किया गया है और दुश्मन की सबसे मजबूत एयर डिफेंस को चीरकर हमला कर सकता है.

B-2 से ज्यादा खतरनाक कैसे?

B-2 Spirit को अब तक सबसे घातक माना जाता था. लेकिन B-21 Raider ने इसे पीछे छोड़ दिया. स्टेल्थ टेक्नोलॉजी और भी एडवांस्ड है, रडार से पकड़ना मुश्किल. एयरफ्रेम और कोटिंग ऐसी बनाई गई है कि जल्दी रिपेयर हो और ऑपरेशनल कॉस्ट कम हो. जहाज में लगे सेंसर और एंटीना ऐसे हैं कि पूरा एयरफ्रेम रडार को धोखा दे देता है. डिफेंसिव अवियोनिक्स सूट किसी भी मिसाइल या इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर अटैक का तुरंत जवाब देता है. इसमें है AI-बेस्ड मिशन प्लानिंग, जो क्रू का बोझ घटाती है और रियल-टाइम में बेहतर फैसले लेने देती है.

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हथियारों का खजाना

B-21 Raider महज एक बॉम्बर नहीं है, बल्कि एक चलता-फिरता युद्ध तंत्र है. यह न्यूक्लियर क्षमताओं के रूप में B61-12 ग्रेविटी बम और AGM-181 LRSO क्रूज मिसाइल ले जाने में सक्षम है, वहीं कन्वेंशनल शस्त्रों में प्रिसिशन-गाइडेड बम और हाइपरसोनिक हथियार भी शामिल हैं. उन्नत जैमिंग सिस्टम बिना किसी एस्कॉर्ट विमान के भी दुश्मन के रडार और मिसाइल प्रणालियों को बेअसर कर सकता है. साथ ही इसकी कनेक्टिविटी हवा, जमीन, पानी, साइबर और स्पेस, इन सभी डोमेनों से जुड़कर समग्र रूप से लड़ाई की कमान संभालने की क्षमता है इस बॉम्बर में.

क्यों कांप रहा होगा दुश्मन?

B-21 Raider को किसी फॉरवर्ड बेस से उड़ान की ज़रूरत नहीं. ये इतनी दूरी तय कर सकता है कि दुश्मन की मिसाइल रेंज के बाहर से ही हमला कर दे. और हमला ऐसा कि दुश्मन को भनक तक न लगे. कुल मिलाकर, अमेरिका ने B-21 Raider के साथ अपनी सैन्य ताकत को अगले पायदान पर पहुंचा दिया है. अब आने वाले वक्त में युद्ध सिर्फ जमीन या हवा में नहीं, बल्कि साइबर और स्पेस समेत हर डोमेन में होगा और इस खेल में अमेरिका ने पहले ही पासा पलट दिया है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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