Ukraine Strike Destroys S-400: रूस-यूक्रेन की लड़ाई दिन-ब-दिन और तेज होती जा रही है. इस बार मामला और भी गंभीर हो गया, क्योंकि यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस के चार S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और दो अहम रडार को तबाह कर दिया. यह हमला नोवोरोसिस्क में 14 नवंबर की सुबह ड्रोन स्ट्राइक से किया गया. S-400 को दुनिया का सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है और भारत भी इसे इस्तेमाल करता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह हमला भारत के लिए भी किसी तरह की चिंता की बात है?
यूक्रेन का दावा- चार लॉन्चर और दो रडार तबाह
कीव पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी SBU के सूत्रों ने बताया कि सैटेलाइट तस्वीरों से यह साफ हो गया है कि रूस के S-400 ‘ट्रायम्फ’ सिस्टम के चार लॉन्चर नष्ट हो गए हैं. यह सिस्टम रूस की कुबान रेड बैनर रेजिमेंट के एक सैन्य ठिकाने पर तैनात था. उन्होंने यह भी कहा कि दो बड़े रडार भी उड़ाए गए जिसमें 96N6 अर्ली-वार्निंग रडार और 92N6 टारगेट पकड़ने वाला रडार. ये दोनों रडार किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के लिए सबसे जरूरी हिस्से माने जाते हैं. इनके खत्म होने का मतलब है कि सिस्टम लगभग बेकार हो जाता है.
12 लॉन्चर तैनात थे
यूक्रेन के मुताबिक, उस सैन्य ठिकाने पर करीब 12 S-400 लॉन्चर मौजूद थे. यानी चार लॉन्चर के अलावा और भी सिस्टम को नुकसान पहुंचा हो सकता है. इस ऑपरेशन में कई यूक्रेनी एजेंसियों ने मिलकर काम किया SBU, मुख्य खुफिया विभाग (HUR), स्पेशल ऑपरेशन फोर्स (SSO) और बॉर्डर गार्ड सर्विस. यह दिखाता है कि हमला बहुत सोच-समझकर और मिलकर किया गया.
Ukraine Strike Destroys S-400: यूक्रेन की रणनीति
SBU के एक सूत्र ने कहा कि वे लगातार रूस की एयर डिफेंस को कमजोर करने पर काम कर रहे हैं. उनका कहना था कि हर नष्ट सिस्टम रूस की सुरक्षा में एक नया छेद करता है और उसी छेद से यूक्रेन के ड्रोन और मिसाइलें अंदर घुसती हैं यानी यूक्रेन सीधे-साधे शब्दों में कह रहा है कि रूस की ढाल तोड़ो, फिर अंदर जाकर हमला करो.
तेल की आपूर्ति ठप
इस हमले का प्रभाव सिर्फ रूस की सेना पर ही नहीं पड़ा. नोवोरोसिस्क, जो रूस का ब्लैक सी वाला सबसे बड़ा पोर्ट है, वहां तेल की आपूर्ति रोक दी गई. ड्रोन हमले में शेशखारिस ऑयल-लोडिंग टर्मिनल को भी नुकसान हुआ. रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली तेल की कुल सप्लाई का करीब 2% अस्थायी रूप से रुक गया. रूस की पाइपलाइन कंपनी Transneft को भी तेल भेजना रोकना पड़ा, हालांकि कंपनी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की.
भारत को क्यों होनी चाहिए चिंता?
अब बात इंडिया की. आखिर S-400 पर हुए हमले का असर हम पर क्यों पड़ेगा? भारत ने रूस से S-400 सिस्टम खरीदा है. जब दुनिया में वही सिस्टम लगातार ड्रोनों से उड़ाया जा रहा है, तो इसकी क्षमता पर सवाल उठना लाजमी है. भारत को यह समझने की जरूरत है कि इस तरह के हमलों से सिस्टम कितनी सुरक्षा दे पाएगा. यूक्रेन कई बार S-400 को ड्रोन से निशाना बना चुका है. अगर यह सिस्टम ड्रोन से बचाव में कमजोर है, तो भारत को अपनी तैनाती और सुरक्षा रणनीति को बदलना पड़ेगा. यह सीधा-सीधा राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. रूस पर लगातार हमले, तेल आपूर्ति रुकना, और सैन्य ठिकानों का तबाह होना ये सब रूस की क्षमता को कमज़ोर करते हैं. भारत की हथियार सप्लाई, मेंटेनेंस और अन्य डिफेंस साझेदारी रूस पर निर्भर करती है. अगर रूस कमजोर होता है, तो भारत की डिफेंस ज़रूरतों पर असर पड़ सकता है.
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