Thailand Cambodia Border Clashes: पड़ोसी मुल्क के बीच अगर दीवार तक खींचनी हो तो मामला कितना नाजुक होता है. जरा सा विवाद और बात बढ़ जाती है. ऐसा ही नजारा इस हफ्ते दिखा थाईलैंड–कंबोडिया बॉर्डर पर. यहां बुधवार को अचानक हालात बिगड़ गए. पत्थर चले, आंसू गैस छोड़ी गई, रबर की गोलियां दागी गईं और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए. दोनों देश अब एक-दूसरे को कसूरवार ठहरा रहे हैं.
कंबोडिया के सूचना मंत्री नेथ फेकत्रा ने दावा किया कि इस टकराव में 23 कंबोडियाई घायल हुए हैं. इनमें एक सैनिक और एक बौद्ध भिक्षु तक शामिल हैं. फेकत्रा का आरोप है कि थाई अधिकारियों ने आम लोगों पर आंसू गैस, रबर बुलेट और धमाका करने वाले डिवाइस चलाए.
थाईलैंड की सफाई – ‘हम पर हमला हुआ‘
दूसरी तरफ थाई सेना ने कहा कि उनके जवान साकेओ प्रांत में बॉर्डर पर कंटीले तार (barbed wire) लगा रहे थे. तभी लगभग 200 कंबोडियाई नागरिक वहां जमा हो गए और विरोध करने लगे. थाई सेना का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और दूसरी चीजें फेंकीं, तब जाकर उन्हें आंसू गैस और रबर बुलेट चलानी पड़ी. समाचार एजेंसी AFP ने थाई सेना के हवाले से यह बात कही कि उनका आरोप है कि “कंबोडियाई लोग हमारी जमीन पर घुसे और कंबोडियाई प्रशासन ने उन्हें रोका तक नहीं. ये सीजफायर की शर्तों का उल्लंघन है.”
🚨 #Thailand–#Cambodian Border Clash :
— IDU (@defencealerts) September 18, 2025
Fresh tensions erupted at the Thai-Cambodian frontier when about 200 Cambodian villagers, mobilized by local authorities, crossed into Thai territory to dismantle security barriers.
Thai riot control forces responded with tear gas and rubber… pic.twitter.com/9Q3keFdzPO
प्रभात खबर वीडियो की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है.
कंबोडिया बोला – ‘लड़ाई हमारी जमीन पर हुई‘
कंबोडिया के सूचना मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि ये पूरा टकराव बांतेई मेनचेय प्रांत में हुआ, यानी कंबोडिया की तरफ. सोशल मीडिया पर इस बीच एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें एक कंबोडियाई नागरिक नंगे हाथों से आंसू गैस का गोला उठाकर थाई अफसरों पर फेंकता दिख रहा है.
दरअसल, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 817 किलोमीटर लंबी जमीनी सीमा है. इसका नक्शा 1907 में फ्रांस ने बनाया था, जब कंबोडिया उसकी कॉलोनी था. लेकिन सीमा की कई जगहें आज भी साफ नहीं हैं. थाईलैंड कहता है कि विवादित इलाका उसका बान नोंग या कैव गांव (साकेओ प्रांत) है. और वहीं कंबोडिया कहता है कि नहीं, ये उसका प्रेय चान गांव (बांतेई मेनचेय प्रांत) है. रॉयटर्स के अनुसार, पिछले महीने थाईलैंड ने यहां कंटीले तार का बाड़ा खड़ा कर दिया था. तभी से दोनों तरफ के लोग विरोध कर रहे हैं.
Thailand Cambodia Border Clashes: जुलाई की सबसे भीषण लड़ाई
याद दिला दें, इसी इलाके में जुलाई 2025 में हालात सबसे खराब हुए थे. दोनों देशों के बीच पांच दिन तक खून-खराबा हुआ था. इस लड़ाई में कम से कम 48 लोगों की मौत हुई थी. लाखों लोग बेघर हो गए थे. बाद में 28 जुलाई को मलेशिया की मध्यस्थता से दोनों देशों ने सीजफायर किया. उसके बाद माहौल शांत था, लेकिन अब सितंबर में एक बार फिर बॉर्डर पर तनाव चरम पर है.
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