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NASA Warning Sinking Cities: चारों तरफ लाशों का ढेर! 30.5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाला देश क्या हो जाएगा बर्बाद?

NASA Warning Sinking Cities: तटीय शहरों में जमीन तेजी से डूब रही है, समुद्र का खतरा बढ़ा. वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि बाढ़ और संपत्ति नुकसान के जोखिम से बचने के लिए तुरंत उपाय जरूरी हैं.

NASA Warning Sinking Cities: कल्पना कीजिए कि आप अपने घर में रहते हैं और पता चलता है कि आपका घर साल दर साल धीरे-धीरे जमीन में डूब रहा है. यही हाल है अमेरिका के कई तटीय शहरों का. NASA की नई स्टडी ने यह साफ कर दिया है कि समुद्र का बढ़ता स्तर अब अकेला खतरा नहीं रह गया. कई शहरों की जमीन खुद समुद्र से तेजी से नीचे जा रही है, और यह खतरा लाखों लोगों की जिंदगी, संपत्ति और शहरों की बुनियादी संरचना के लिए गंभीर है.अमेरिका जो की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे बड़ी है,सेरिटी ग्लोबल के अनुसार, जिसकी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) लगभग 30.51 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है. यह आंकड़ा 2025 के लिए अनुमानित है और दर्शाता है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था चीन, जर्मनी, भारत और जापान जैसे अन्य प्रमुख देशों से काफी बड़ी है और इस तरह की समस्या सच में भयावह और डराने वाली है. 

US Coastal Cities Sinking: NASA की स्टडी ने क्या बताया

2015 से 2023 तक हाई-रिजॉल्यूशन सैटेलाइट डेटा के आधार पर वैज्ञानिकों ने उन इलाकों की पहचान की है, जहां जमीन तेजी से डूब रही है. स्टडी में पाया गया कि कैलिफोर्निया के निम्न-भूमि वाले तटीय इलाके 2050 तक सापेक्ष समुद्र स्तर में 17 इंच तक वृद्धि का सामना कर सकते हैं. कुछ जगहों पर जमीन हर साल 0.4 इंच यानी 10 मिलीमीटर से ज्यादा डूब रही है. इसका मतलब यह है कि कई शहरों में जमीन की डूबान समुद्र के बढ़ते स्तर से भी तेज है.

स्टडी के अनुसार, सबसे बड़े “हॉटस्पॉट” सैन फ्रांसिस्को बे एरिया, लॉस एंजेलिस और सैन डिएगो में हैं. इन इलाकों में दशकों से चल रही शहरी और औद्योगिक गतिविधियां जैसे भूजल निकासी, तेल और गैस ड्रिलिंग, और मिट्टी का सिकुड़ना ये सभी चीजें जमीन की गिरावट को और तेज कर रहे हैं.

NASA Warning Sinking Cities: मनुष्य बढ़ा रहा खतरा

सिर्फ प्राकृतिक कारण ही नहीं, इंसानी गतिविधियां भी जमीन की डूबान में बड़ी भूमिका निभा रही हैं. अत्यधिक भूजल निकासी और शहरीकरण इन क्षेत्रों में जमीन को और नीचे धकेल रहे हैं. लॉस एंजेलिस और सैन डिएगो के कुछ हिस्सों में, अगले कुछ दशकों में जमीन 15 इंच तक और डूब सकती है. यह दिखाता है कि जलवायु बदलाव के साथ-साथ मानव गतिविधियां भी शहरों को खतरे में डाल रही हैं.

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क्या किया जा सकता है?

NASA की स्टडी बताती है कि अगर जमीन की डूबान को फ्लड और समुद्र स्तर के मॉडल में शामिल नहीं किया गया, तो लाखों लोग, व्यापार और इकोसिस्टम जोखिम में रहेंगे. उपायों में शामिल हैं, भूजल का नियंत्रित उपयोग, कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, फ्लड मॉडल अपडेट करना, और शहरी नियोजन और तटीय प्रबंधन को सुधारना.

NASA की चेतावनी स्पष्ट है कि तटीय शहरों को बचाने के लिए अब तुरंत कदम उठाने होंगे. जो फैसले आज नहीं होंगे, वो कल समुद्र के खतरे में इन शहरों को खो सकते हैं. यह सिर्फ खतरे की खबर नहीं, बल्कि एक सख्त चेतावनी है कि हमारी अगली पीढ़ी सुरक्षित शहरों में जी पाएगी या नहीं, यह अब हमारे हाथ में है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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