Sanae Takaichi To Become First Female Prime Minister Japan: जापान की राजनीति में इस वक्त जो तस्वीर बन रही है, वो आने वाले वक्त के लिए ऐतिहासिक कही जाएगी. सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) ने शनिवार को अपने नए नेता के रूप में साने ताकाइची को चुना है. और यही फैसला जापान को उसकी पहली महिला प्रधानमंत्री देने वाला है. दक्षिणपंथी विचारों के लिए जानी जाने वाली ताकाइची ने चुनाव जीतने के बाद कहा कि उनका लक्ष्य एक “मजबूत और समृद्ध जापान” का निर्माण करना है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी अलग पहचान बनाए.
कैसे हुआ ये बड़ा राजनीतिक बदलाव
शनिवार को टोक्यो स्थित एलडीपी मुख्यालय में हुए मतदान में ताकाइची का पलड़ा भारी रहा. क्योडो टाइम्स के मुताबिक, पहले दौर में उन्होंने 589 में से 183 वोट हासिल किए, जबकि उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी शिंजिरो कोइजुमी को 164 वोट मिले. तीन अन्य उम्मीदवार पहले दौर में ही बाहर हो गए. इसके बाद दूसरे निर्णायक दौर में मुकाबला कड़ा हुआ. यहां सांसदों के वोटों को पार्टी के आम सदस्यों से ज़्यादा महत्व दिया गया था और माना जा रहा था कि कोइजुमी सांसदों के बीच ज्यादा लोकप्रिय हैं. लेकिन नतीजे ने सबको चौंका दिया. अंतिम दौर में साने ताकाइची ने जीत दर्ज की, जिससे उनके प्रधानमंत्री बनने का रास्ता खुल गया.
Japan LDP election: Sanae Takaichi wins. She is also the first female president in the LDP’s 70-year history.
— Nikkei Asia (@NikkeiAsia) October 4, 2025
Here's the vote count for all five candidates.https://t.co/Ek8LtIUuyy pic.twitter.com/1UqPCM9Lle
पार्टी संकट और इस्तीफे की पृष्ठभूमि
यह बदलाव अचानक नहीं आया. इसकी पृष्ठभूमि में कई राजनीतिक हलचलें हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने पद से इस्तीफा दे दिया था. वे केवल एक साल तक ही इस पद पर रहे, और उस दौरान पार्टी के दक्षिणपंथी गुट उनसे नाराज थे. इशिबा के कार्यकाल के दौरान एलडीपी को लगातार दो बड़े चुनावी झटके लगे. जनता ने पार्टी को फंडिंग घोटाले और जीवन-यापन की बढ़ती लागत से निपटने में नाकामी के लिए कड़ी सजा दी थी. इस हार ने पार्टी की साख हिला दी. ऐसे में ताकाइची के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि एक बिखरी हुई पार्टी को फिर से एकजुट करना और जनता का भरोसा वापस जीतना.
Sanae Takaichi To Become First Female Prime Minister Japan: ‘लोगों की चिंताओं को उम्मीद में बदलना’
दूसरे दौर की वोटिंग से ठीक पहले ताकाइची ने जो कहा, उसने कई जापानियों का ध्यान खींचा. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हाल ही में मैंने देशभर से ये आवाजें सुनी हैं कि अब लोगों को एलडीपी का मतलब ही नहीं पता. यही तात्कालिकता मुझे आगे बढ़ने की ताकत दे रही है. मैं चाहता/चाहती हूं कि लोगों की रोज़मर्रा की चिंताएं उम्मीद में बदलें. यह बयान साफ इशारा करता है कि ताकाइची सिर्फ सत्ता की राजनीति नहीं, बल्कि एलडीपी की खोई हुई पहचान को फिर से पाने के मिशन पर हैं.
प्रधानमंत्री पद का औपचारिक रास्ता
हालांकि एलडीपी गठबंधन के पास अब संसद में पूर्ण बहुमत नहीं है, लेकिन इस महीने के मध्य में होने वाले संसदीय मतदान में ताकाइची के प्रधानमंत्री बनने की लगभग पक्की संभावना मानी जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष के पास फिलहाल कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जिसके पीछे सभी दल एकजुट हो सकें. इसीलिए ताकाइची का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है.
क्योडो टाइम्स और अन्य स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ताकाइची की जीत सिर्फ एक राजनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि जापानी राजनीति में वैचारिक दिशा परिवर्तन का संकेत है. अब उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे घोटालों से जूझ रही पार्टी की छवि सुधारेंगी, महंगाई और जनता की रोजमर्रा की परेशानियों पर ध्यान देंगी, और साथ ही दुनिया के सामने जापान को फिर से एक मजबूत शक्ति के रूप में पेश करेंगी पर आसान नहीं होगा यह सफर. उन्हें अपने ही दल के भीतर गुटबाजी, जनता की नाराजगी और विपक्ष की राजनीति इन सब से एक साथ निपटना होगा.
ये भी पढ़ें:
घूमने गए थे सिंगापुर पहुंच गए जेल, दो भारतीयों ने वेश्याओं को होटल में बुलाकर गहने और पैसे लूटे
पुतिन ने बेनकाब किया अमेरिका का पाखंड, ट्रंप की दोहरी नीति पर दुनियाभर में मचा हड़कंप!

