Why Peru president Dina Boluarte removed from office: पेरू की संसद ने रातोंरात महाभियोग चलाकर देश की पहली महिला राष्ट्रपति डीना बोलुअर्ते को पद से हटा दिया. पेरू की पहली महिला राष्ट्रपति बोलुअर्ते ने दिसंबर 2022 में पदभार ग्रहण किया था. बोलुअर्ते दुनिया की सबसे अप्रसिद्ध नेताओं में से एक, जिनकी लोकप्रियता केवल 2-4% रही. बोलुअर्ते का कार्यकाल लगातार विरोध प्रदर्शनों, घोटालों और जांचों, साथ ही गैंग हिंसा में वृद्धि से प्रभावित रहा. हाल के महीनों में बढ़ते अपराधों के साथ ही सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन तेज हुए. लेकिन उन्हें हटाने वाला यह घटनाक्रम राजधानी लीमा में एक संगीत समारोह में एक व्यक्ति द्वारा की गई गोलीबारी के कुछ ही घंटों बाद हुआ. इस गोलीबारी में पांच लोग घायल हो गए थे और देश में अपराध के प्रति लोगों का गुस्सा भड़क उठा. बोलुअर्ते के हटने के बाद 10 साल से भी कम समय में देश को 38 वर्षीय जोस जेरी के रूप में शुक्रवार को सातवां राष्ट्रपति मिला.
संसद ने बोलुअर्ते की सरकार के अपराध रोकने में असमर्थ रहने का हवाला देकर उन्हें पद से हटाने के लिए मतदान के चार अनुरोधों को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद सांसदों ने बृहस्पतिवार देर रात 130 सदस्यीय एकसदनीय कांग्रेस में बहस और महाभियोग सुनवाई की व्यवस्था की. उन्होंने अनुरोध किया कि बोलुअर्ते आधी रात से कुछ समय पहले उनके समक्ष पेश होकर अपना बचाव करें, लेकिन जब वह नहीं आईं तो उन्हें पद से तुरंत हटाने के लिए मतदान किया गया. कुछ ही देर में आधी रात के बाद 124 सांसदों ने बोलुअर्ते पर महाभियोग चलाने के लिए मतदान किया. इस प्रयास के खिलाफ कोई वोट नहीं पड़ा. यह उन्हें पद से हटाने का नौवां प्रयास था.
वफादारों ने भी दिया धोखा
उनके पद हटाने के पक्ष में मतदान करने वाले विधायकों में पहले उनके प्रति वफादार समूह भी शामिल थे, वह रूढ़िवादी पार्टियां जिन्होंने पहले उनका समर्थन किया था. बोलुअर्ते दिसंबर 2022 में सत्ता में आईं, जब पूर्व राष्ट्रपति कास्तिलो ने कांग्रेस को भंग करने का प्रयास किया ताकि उन्हें हटाया जा सके. उस समय उपराष्ट्रपति होने के कारण उन्हें राष्ट्रपति पद पर नियुक्त किया गया. लेकिन तीन साल में ही उनकी विदाई हो गई. उनका कार्यकाल घोटालों से प्रभावित रहा.
कार्यकाल में हुए ढेरों प्रदर्शन
63 वर्षीय नेता के तीन वर्षों से कम के कार्यकाल में कई विरोध प्रदर्शन हुए. जनवरी 2023 में, पद संभालने के कुछ सप्ताह बाद, बोलुअर्ते और उनके कुछ प्रमुख मंत्रियों के खिलाफ जनसंहार, हत्या और गंभीर चोटों के आरोपों में जांच शुरू हुई. यह उस समय हुआ जब सरकार के दमन में 50 से अधिक कास्तिलो समर्थक मारे गए, जो उनके इस्तीफे और नए चुनाव की मांग कर रहे थे. बोलुअर्ते के कार्यकाल के पहले तीन महीनों में उनके शासन के खिलाफ 500 से अधिक विरोध प्रदर्शन हुए.
घोटालों का भी लगा आरोप
उनके राष्ट्रपति पद को कई जांचों ने प्रभावित किया, जिनमें भ्रष्टाचार से जुड़ी रोलेक्सगेट जांच शामिल है, जिसमें उन पर घूस के रूप में रोलेक्स घड़ियाँ स्वीकार करने का आरोप था. सबसे गंभीर आरोप उन 60 से अधिक लोगों की मौत से जुड़े हैं, जो कास्तिलो के हटाए जाने के बाद हुई प्रदर्शनकारियों की कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए. उन्हें एक भगोड़े राजनेता को राष्ट्रपति वाहन में ले जाने का भी आरोप है.
नाक की सर्जरी कराने के लिए ली छुट्टी
सबसे विवादित आरोप यह है कि उन्होंने 2023 में नाक की प्लास्टिक सर्जरी कराने के लिए अपना पद छोड़ दिया. इस दौरान उन्होंने न तो कांग्रेस को सूचित किया और न ही किसी को अपने अधिकार सौंपे बिना लगभग दो सप्ताह तक अनुपस्थित रहींं. उन्होंने सर्जरी को स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बताया, जबकि ऑपरेशन करने वाले सर्जन ने इसे केवल कॉस्मेटिक प्रक्रिया बताया.
बढ़ा दिया खुद का वेतन
जुलाई में उनका मासिक वेतन पेरू की न्यूनतम मजदूरी के लगभग 35 गुना बढ़ा देने का निर्णय आलोचना और हंसी का कारण बना. उस समय उनके अर्थशास्त्र मंत्री ने कहा कि उनका वेतन दक्षिण अमेरिका के 12 देशों में दूसरे सबसे कम था.
कलंकित नेताओं की सूची में शामिल हुईं बोलुअर्ते
बोलुअर्ते पेरू के कई कलंकित नेताओं की लंबी सूची में नवीनतम शामिल हो गई हैं. 2000 के बाद से सात से अधिक राष्ट्रपति भ्रष्टाचार या मानवाधिकार हनन के आरोपों में कानूनी चुनौतियों का सामना कर चुके हैं. आठवें ने पुलिस के घेरे में आने पर आत्महत्या कर ली थी. बोलुअर्ते रातभर की सुनवाई में कांग्रेस के सामने पेश नहीं हुईं. मतदान घोषित होने के बाद कांग्रेस भवन के बाहर पेरू के झंडे लिए प्रदर्शनकारी खुशी में झूम उठे. वहीं मतदान के बाद राष्ट्रीय टेलीविजन पर बोलुअर्ते ने पेरू की लोकतांत्रिक स्थिरता पर इसके संभावित प्रभाव पर सवाल उठाए.
कौन हैं होस जेरी, जो बने अंतरिम राष्ट्रपति
कांग्रेस के अध्यक्ष 38 वर्षीय होस जेरी ओरे को शुक्रवार को देश का अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई. अब उन्हें संविधान के अनुसार चुनाव कराने होंगे. पेरू में वर्तमान में उपराष्ट्रपति नहीं है. नए राष्ट्रपति जेरी पेशे से वकील हैं और उन्हें राजनीति का कम अनुभव है. वह जुलाई में कांग्रेस यानी संसद के अध्यक्ष बने थे. उन्होंने शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद कहा कि वह ‘सुलह’ की कोशिश करेंगे, बेलगाम अपराध से निपटेंगे और अप्रैल में जब पेरूवासी नए राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे तो चुनावों में ‘तटस्थता’ सुनिश्चित करेंगे.
जेरी का सत्ता में आना और भी आश्चर्यजनक
जेरी का तत्काल सत्ता में आना और भी आश्चर्यजनक है क्योंकि उन्होंने अगस्त में पेरू के समाचार पत्र ‘एल कॉमर्सियो’ से एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि अगर बोलुअर्ते के खिलाफ महाभियोग चलाया जाता है, तो वह उनकी जगह नहीं लेंगे क्योंकि वह ‘‘राष्ट्रपति पद की संस्थागत व्यवस्था में विश्वास करते हैं.’’
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