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पाकिस्तान ने अपने ही दोस्त पर चलाया छुरा, मुनीर का अल जजीरा के खिलाफ मीडिया हमला, रिश्तों में आई खटास!

Pakistan Qatar Tensions: लीक हुए डॉक्यूमेंट्स से पता चला है कि पाकिस्तानी सेना ने मीडिया को कतर और अल जजीरा के खिलाफ एक कैंपेन शुरू करने का आदेश दिया था. तालिबान और अफगानिस्तान की कवरेज को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. इस खुलासे से पाकिस्तान-कतर के डिप्लोमैटिक संबंधों पर असर पड़ सकता है और यह क्षेत्रीय शांति की कोशिशों के लिए एक चुनौती है.

Pakistan Qatar Tensions: पाकिस्तान और उसके पुराने ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ सहयोगी कतर के बीच रिश्तों में नई खटास देखने को मिल रही है. यह जानकारी लीक हुए दस्तावेजों से सामने आई है, जो पाकिस्तान की सेना और मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हैं. लीक दस्तावेजो से सामने आया है कि पाकिस्तान की सेना ने देश के मीडिया को कतर और उसके न्यूज चैनल अल जजीरा के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश दिया था. ये आदेश कतर और अल जजीरा की हाल की मध्यस्थता कोशिशों के जवाब में दिए गए, जिसमें तालिबान और पाकिस्तान के बीच बातचीत शामिल थी. पाकिस्तान का मानना है कि अल जजीरा अफगानिस्तान और तालिबान के पक्ष में रिपोर्टिंग कर रहा है, जो देश के लिए नकारात्मक है.

Pakistan Qatar Tensions in Hindi: मीडिया पर सेना का दबाव

सीएनएन-न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, लीक दस्तावेजों में मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और विश्लेषकों को निर्देश दिए गए थे कि तालिबान को स्थिर शासन के रूप में पेश न किया जाए. उन्हें यह भी कहा गया कि तालिबान की प्रशंसा से बचें और किसी भी चीज पर कड़ा जवाब दें, जो पाकिस्तान की स्थिति को कमजोर दिखा सके. इसके तहत मीडिया को अल जजीरा और कतर की कवरेज के खिलाफ समन्वित अभियान चलाने का निर्देश दिया गया.

कतर और अल जजीरा की भूमिका पर सवाल

लीक दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि अल जजीरा कतर की विदेश नीति से पूरी तरह स्वतंत्र नहीं है. लगातार दिखाई देने वाले संपादकीय रुझान यह दर्शाते हैं कि चैनल की रिपोर्टिंग कतर की नीति के अनुरूप है. दस्तावेजों के अनुसार, मीडिया को यह दिखाने का निर्देश दिया गया कि कतर की कवरेज और उसकी विदेश नीति के बीच सीधा संबंध है.

इसके अलावा, दस्तावेजों में कहा गया कि अल जजीरा ने पिछले साल पाकिस्तान को राजनीतिक रूप से कमजोर, उग्रवाद के प्रति संवेदनशील और अफगान शांति प्रयासों में असफल दिखाया. पाकिस्तान की सेना का मानना है कि यह रिपोर्टिंग स्वतंत्र संपादकीय निर्णय नहीं, बल्कि कतर की विदेश नीति का हिस्सा है. (Pakistan Qatar Tensions Al-Jazeera Media Campaign in Hindi)

अफगानिस्तान में तनाव और कतर का तटस्थ रुख

ये खुलासे ऐसे समय में आए हैं, जब अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान और कतर दोनों की संवेदनशीलताएं बढ़ी हुई हैं. कतर ने खुद को तटस्थ मध्यस्थ के रूप में पेश किया है और अफगानिस्तान में कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक वार्ताओं की मेजबानी की है. वहीं, पाकिस्तान का कहना है कि उसकी शांति और स्थिरता में भूमिका को कतर और अल जजीरा की रिपोर्टिंग में कम करके दिखाया जा रहा है.

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Govind Jee
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गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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