Pakistan Imran Khan Treason: पाकिस्तान की सियासत एक बार फिर उथल-पुथल के दौर में है. देश की हुकूमत और सुरक्षा एजेंसियां पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अब बेहद कड़े कदमों पर विचार कर रही हैं. राजनीतिक अस्थिरता, आतंरिक सुरक्षा चिंताओं और विदेश नीति से जुड़े विवादों के बीच सरकारी हलकों में माहौल तनावपूर्ण होता जा रहा है. अंदरूनी सूत्रों की मानें तो हालात इस मुकाम पर पहुंच गए हैं कि इमरान खान के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाने और उनकी पार्टी पीटीआई को बैन करने की चर्चा खुलकर होने लगी है. पाकिस्तान की सैन्य सत्ता के शीर्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सबसे ताकतवर पद पर पहुंचे पहले CDF आसिम मुनीर ने अपने पत्ते चलना शुरू कर दिया है.
न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली सरकार और सैन्य नेतृत्व का मानना है कि इमरान खान की हालिया गतिविधियाँ पाकिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बन गई हैं. सरकार का आरोप है कि खान ने न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई संवेदनशील पहलुओं को नजरअंदाज किया, बल्कि विदेश नीति और आंतरिक हालात को भी नुकसान पहुंचाने वाले कदम उठाए. इसी कारण सत्ता प्रतिष्ठान में उनके खिलाफ देशद्रोह की कार्रवाई को लेकर विचार-विमर्श तेज हो गया है.
इमरान के पास खुफिया और अहम जानकारियां
पाकिस्तान के अधिकारियों का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते इमरान खान के पास पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम सहित कई अहम रणनीतिक सूचनाओं का ज्ञान है. उनका तर्क है कि राज्य संस्थानों से निरंतर टकराव, राजनीतिक उग्रता और गोपनीय जानकारियों तक पहुंच का यह संयोजन देश को जोखिम में डाल सकता है. इसके साथ ही टीटीपी और अफगान तालिबान को लेकर खान के कथित नरम रुख ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है.
पिछली पीटीआई सरकार के दौरान टीटीपी के कई सदस्यों को पाकिस्तान लौटने और बसने की अनुमति दी गई, जिसे मौजूदा आतंकवादी घटनाओं में भारी उछाल से जोड़ कर देखा जा रहा है. अधिकारियों का दावा है कि इससे बड़ी संख्या में सैनिक और नागरिक मारे गए, जो अब खान के खिलाफ मामले की आधारशिला बन गया है.
पीटीआई भी हो सकती है बैन
वहीं सैन्य प्रतिष्ठान के भीतर पीटीआई की बयानबाजी और प्रांतीय स्तर पर सहयोग से इनकार को लेकर भी असंतोष बढ़ रहा है. सूत्र बताते हैं कि पीटीआई नेता और खैबर पख्तूनख्वा के स्थानीय अधिकारी संघीय एजेंसियों और सुरक्षा संस्थानों के साथ समन्वय नहीं कर रहे. सेना इसे जानबूझकर अस्थिरता पैदा करने की रणनीति के रूप में देख रही है. उच्च स्तर पर यह भी कहा जा रहा है कि यदि इमरान खान, उनकी पार्टी के आक्रामक नेता और उनके परिजन सरकारी संस्थाओं से टकराव जारी रखते हैं, तो उनके लिए स्थिति बेहद कठिन हो सकती है. सूत्रों का दावा है कि देशद्रोह का मुकदमा चलाने और पीटीआई को प्रतिबंधित करने का विकल्प गंभीरता से टेबल पर मौजूद है.
सऊदी, चीन और अमेरिका से खराब किए संबंध
वहीं कूटनीतिक मोर्चे पर भी हालात काफी तनावपूर्ण बताए जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि खान के कार्यकाल में अमेरिका, चीन और सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के रिश्ते काफी बिगड़ गए थे. “साइफर विवाद” के दौरान अमेरिका पर सरकार गिराने का आरोप लगाने से वॉशिंगटन में नाराजगी बढ़ी. वहीं, सीपीईसी परियोजनाओं में चीनी निवेशकों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने से बीजिंग से रिश्ते खराब हुए. सऊदी अरब से अतिरिक्त कर्ज मांगते समय सऊदी नेतृत्व पर की गई तीखी टिप्पणियों को रियाद ने भी अपमानजनक माना. इन सब वजहों से विदेश नीति की स्थिति कमजोर होने का दावा किया जा रहा है.
राष्ट्रीय खतरा बने इमरान और मुनीर
बीते शुक्रवार को हालात तब और तनावपूर्ण हो गए जब आईएसपीआर के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने इमरान खान को मानसिक रूप से अस्थिर बताते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं. इसके साथ ही अधिकारियों ने आरोप लगाया कि खान का परिवार भारतीय मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की संस्थाओं को बदनाम कर रहा है, जिससे कड़े कदम उठाए जाने की अटकलें और तेज हो गई हैं. इमरान खान को पिछले महीने अपने परिवार से मुलाकात नहीं करने दिया गया. इसके बाद उनकी बहनों ने धरना दिया, तब जाकर एक बहन से उनकी मुलाकात हुई. इमरान ने इसके बाद ट्वीट करते हुए आसिम मुनीर की सत्ता को पाकिस्तान के लिए खतरनाक करार दिया और मानसिक रूप से अस्थिर बताया. खान ने कहा कि मुनीर के नैतिक दिवालिएपन की वजह से संविधान और कानून की हुकूमत पाकिस्तान में समाप्त हो गई है.
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