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ब्रिटेन में भारतीयों को नौकरी देने वाले को जेल, इस फर्जीवाड़े में फंसा और खुल गया पूरा मामला

Indian Origin Man Jailed in UK: ब्रिटेन में एक ‘होम केयर एजेंसी’ के निदेशक को उन भारतीय नागरिकों को रोजगार देने का दोषी पाए जाने के बाद ढाई साल की जेल की सजा सुनाई गई है. इन्हें देश में काम करने का कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं था.

Indian Origin Man Jailed in UK: दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में भारतीय प्रवासियों को अवैध रूप से नौकरी पर रखने के मामले में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. ब्रिटेन की एक केयर होम एजेंसी के निदेशक को उन भारतीय नागरिकों को रोजगार देने का दोषी पाए जाने के बाद ढाई साल की जेल की सजा सुनाई गई है. इन्हें देश में काम करने का कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं था. ब्रिटेन देश में इमिग्रेशन को कठोर बनाने की ओर आगे बढ़ रहा है. इसी सिलसिले में यह मामला ब्रिटेन में प्रवासन कानूनों के कठोर प्रवर्तन और केयर सेक्टर में बढ़ती अनियमितताओं के प्रति बढ़ती सतर्कता को दर्शाता है.

ब्रिटेन में ‘होम केयर एजेंसी’ आमतौर पर बुजुर्गों, दिव्यांगों और गंभीर बीमार लोगों को घर पर देखभाल सेवाएं प्रदान करती हैं. इनमें प्रशिक्षित केयर असिस्टेंट्स शामिल होते हैं, जो दवा देने, स्वास्थ्य निगरानी, व्यक्तिगत देखभाल और अन्य दैनिक गतिविधियों में सहायता करते हैं. इसी क्षेत्र में काम करने वाली एक एजेंसी के निदेशक बेनॉय थॉमस (50) को अदालत ने दोषी करार दिया. थॉमस लुईस क्राउन कोर्ट में जुलाई में दोषी पाए गए थे और शुक्रवार को उन्हें सजा सुनाई गई.

जिन्हें दिया काम, उनके पास वर्क परमिट नहीं था

अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों के अनुसार, थॉमस ईस्ट ससेक्स के बेक्सहिल-ऑन-सी में स्थित अपनी कंपनी ‘ए क्लास केयर रिक्रूटमेंट लिमिटेड’ के माध्यम से उन भारतीय नागरिकों को केयर असिस्टेंट के रूप में नियुक्त करता रहा, जिनके पास ब्रिटेन में काम करने का आवश्यक वीजा या वर्क परमिट नहीं था. अभियोजन पक्ष ने बताया कि थॉमस अवैध प्रवास की स्थिति से भली-भांति परिचित था, फिर भी उसने भर्ती प्रक्रिया जारी रखी.

थॉमस को मालूम थी बात

सीपीएस साउथ ईस्ट की स्पेशलिस्ट प्रॉसिक्यूटर केटी सैमवेज ने कहा- ‘बेनॉय थॉमस ने आव्रजन कानूनों की खुलकर अवहेलना की. वह जानता था कि इन व्यक्तियों को ब्रिटेन में काम करने का कोई अधिकार नहीं था, फिर भी उसने उन्हें नौकरी पर रखकर कानून का उल्लंघन किया.’ कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि जिन लोगों को थॉमस ने अवैध रूप से काम पर रखा, उनमें से कई बेहद संवेदनशील और कमजोर लोगों के साथ काम कर रहे थे, जबकि उनके पास पर्याप्त प्रशिक्षण या चिकित्सकीय विशेषज्ञता नहीं थी. इससे उन लोगों की सुरक्षा और भलाई को गंभीर खतरा पैदा हो गया जिन्हें देखभाल की आवश्यकता थी.

2007 में गया UK और 2012 में नागरिक बना था थॉमस

प्रवासन प्रवर्तन एजेंसी की जांच में सामने आया कि 2017 से 2018 के बीच थॉमस ने कम से कम 13 भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से रोजगार दिलाने में भूमिका निभाई. जांचकर्ताओं का कहना है कि यह मामला सिर्फ कानून तोड़ने का नहीं, बल्कि संवेदनशील केयर सेक्टर की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने वाला गंभीर अपराध है. अदालत ने थॉमस को ढाई साल की जेल और आठ साल के लिए किसी भी कंपनी का निदेशक बनने से प्रतिबंधित कर दिया. दिलचस्प बात यह है कि थॉमस खुद 2007 में भारत से ब्रिटेन आया था और 2012 में ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त कर चुका था.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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