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डंपर बनता जा रहा पाकिस्तान, फैक्ट्रियों से कई गुना ज्यादा मस्जिदें और मदरसे, रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की पहली आर्थिक जनगणना में सामने आया कि देश में फैक्ट्रियों से ज्यादा मस्जिदें और मदरसे हैं. जानें, वर्कफोर्स और अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर इस आर्टिकल के माध्यम से.

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान, जिसे कभी भारत का आर्थिक समकक्ष माना जाता था, आज गहरे आर्थिक संकट में फंसा हुआ है. देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट की ओर है और इसकी वजहें कई मानी जा रही हैं. इनमें राजनीतिक अस्थिरता, कर्ज का बोझ, विदेशी निवेश की कमी के साथ-साथ धार्मिक कट्टरता भी शामिल है. अब पाकिस्तान की पहली आर्थिक जनगणना के आंकड़े सामने आए हैं, जिन्होंने इस सच्चाई को और स्पष्ट कर दिया है. रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में फैक्ट्रियों से कहीं ज्यादा मस्जिदें और मदरसे मौजूद हैं. यह तथ्य देश के विकास और रोजगार सृजन की वास्तविक तस्वीर बयां करता है.

Pakistan Economic Crisis in Hindi: कितनी मस्जिदें और मदरसे हैं पाकिस्तान में?

आर्थिक जनगणना और पॉपुलेशन एंड हाउसिंग सेंसस 2023 के अनुसार पाकिस्तान में करीब 6 लाख 4 हजार मस्जिदें और 36,331 धार्मिक मदरसे हैं. इसके मुकाबले देश में केवल 23,000 फैक्ट्रियां ही हैं. यह आंकड़ा दिखाता है कि पाकिस्तान ने शिक्षा और उद्योग जैसे क्षेत्रों में जितना निवेश नहीं किया, उससे कहीं अधिक संसाधन धार्मिक संस्थानों पर खर्च हुए हैं. इसके अलावा देश में 2,42,000 स्कूल, 11,568 कॉलेज और 214 विश्वविद्यालय मौजूद हैं. हालांकि शिक्षा संस्थानों की संख्या अपेक्षाकृत बड़ी है, लेकिन उनकी गुणवत्ता और रोजगार सृजन में योगदान सीमित है.

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कौन से प्रांत चला रहे हैं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था?

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा हिस्सा पंजाब और सिंध प्रांतों से आता है. खासतौर पर कराची को देश का आर्थिक इंजन कहा जाता है. इसके बाद खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान का नंबर आता है. देश में कुल 29,836 सरकारी कार्यालय, 10,452 अर्ध-सरकारी कार्यालय और 19,645 बैंक मौजूद हैं. इनसे स्पष्ट होता है कि आर्थिक गतिविधियों और प्रशासनिक ढांचे का बड़ा हिस्सा पंजाब और सिंध पर केंद्रित है.

Pakistan Economic Crisis 2023 in Hindi: पाकिस्तान का वर्कफोर्स कितना बड़ा है?

जनगणना रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में कुल 40 मिलियन स्थायी इकाइयां हैं. इनमें से 7.2 मिलियन इकाइयों में 2.54 करोड़ लोग रोजगार पा रहे हैं. सेवाओं का क्षेत्र सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है, जहां 1.13 करोड़ (45%) लोग काम करते हैं. सामाजिक क्षेत्र में 76 लाख (30%) लोग कार्यरत हैं. उत्पादन क्षेत्र में केवल 22% लोग ही जुड़े हैं. एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, “सेवाओं का क्षेत्र उत्पादन क्षेत्र के मुकाबले लगभग दोगुना रोजगार देता है. यह धारणा गलत है कि उद्योग पाकिस्तान में सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा करता है.”

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जनगणना के अन्य प्रमुख तथ्य

पाकिस्तान में फैक्ट्रियों से ज्यादा मस्जिदें और मदरसे मौजूद हैं. देशभर में 7.2 मिलियन प्रतिष्ठानों को जियो-टैग किया गया है. इसमें 27 लाख रिटेल दुकानें, 1.88 लाख थोक दुकानें, 2.56 लाख होटल और 1.19 लाख अस्पताल शामिल हैं. जनगणना के ये आंकड़े पाकिस्तान के आर्थिक संकट की जड़ को उजागर करते हैं. एक तरफ जहां उद्योग और उत्पादन क्षेत्र पिछड़ते जा रहे हैं, वहीं धार्मिक संस्थानों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इससे साफ होता है कि पाकिस्तान की प्राथमिकताएं लंबे समय से संतुलित नहीं रही हैं. यही कारण है कि सेवाओं और सामाजिक क्षेत्र पर निर्भर अर्थव्यवस्था रोजगार और विकास की चुनौतियों से जूझ रही है.

Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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