Nepal kathmandu Rapper Mayor Balendra Shah: नेपाल में जेन-जेड का विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ बालेंद्र शाह का समर्थन सुर्खियों में आया. गुस्साए युवा सड़कों पर उतरे, 19 मौतें, 300 से ज्यादा घायल. जानिए मेयर बलेंद्र शाह के बारे में जो युवाओं की नई राजनीतिक उम्मीद बनकर उभरे हैं.
नेपाल में सोशल मीडिया पर पाबंदी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेन-जेड (Gen Z) के युवाओं का गुस्सा सोमवार को सड़कों पर उफान पर था. युवा प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नींव हिला दी और देर रात नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्रतिबंध वापस लेने का आदेश दिया. लेकिन तब तक कम से कम 19 लोग मारे जा चुके थे और 300 से अधिक घायल हो गए थे.
Nepal kathmandu Rapper Mayor Balendra Shah: बालेंद्र शाह, युवाओं के समर्थन का नया चेहरा
सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बने हैं काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह, जिन्हें लोग प्यार से ‘बालेन’ कहते हैं. द काठमांडू पोस्ट के अनुसार, बालेंद्र शाह ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि उम्र सीमा (28 वर्ष से कम) के कारण वे रैली में शामिल नहीं हो सकते, लेकिन उनके पूरे समर्थन और सहानुभूति युवाओं के साथ हैं. उन्होंने राजनीतिक दलों और नेताओं से अपील की कि इस आंदोलन का स्वार्थ के लिए दुरुपयोग न करें. युवा सोशल मीडिया यूजर्स चाहते हैं कि बालेंद्र शाह राष्ट्रीय नेतृत्व संभालें और देश को नई दिशा दें. बालेंद्र शाह सिविल इंजीनियर और रैपर भी हैं.
2022 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में काठमांडू के मेयर बने, उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई और शहर में कई सुधार किए. जैसे कि सड़कों और फुटपाथों की सफाई, सरकारी स्कूलों की निगरानी में सुधार, और टैक्स चोरी करने वाले निजी स्कूलों पर कड़ा नियंत्रण पे आगे आकर काम किया है. उनकी बेदाग छवि और ईमानदार नेतृत्व ने उन्हें वैश्विक मीडिया का भी पसंदीदा बना दिया. टाइम मैगजीन ने उन्हें टॉप 100 उभरते नेताओं में शामिल किया और न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी उनकी प्रशंसा की.
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Gen Z का आक्रोश और सड़कों पर हुआ भारी प्रदर्शन
सोमवार को काठमांडू और देश के अन्य शहरों में हजारों युवा सड़कों पर उतर गए थे. प्रदर्शनकारी सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स) पर लगाए गए प्रतिबंध और व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगा रहे थे. उनका मुख्य संदेश था कि “भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं” और “युवा भ्रष्टाचार के खिलाफ.” प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन की ओर मार्च किया और बैरिकेड्स तोड़कर परिसर में प्रवेश किया.
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन, आंसू गैस, रबर बुलेट और यहां तक कि फायरिंग का इस्तेमाल किया. इस हिंसक कार्रवाई की संयुक्त राष्ट्र और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने निंदा की और स्वतंत्र जांच की मांग की.
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‘नेपो किड्स’ और असमानता पर युवाओं का फटा गुस्सा
सोशल मीडिया पर वायरल हैशटैग्स #NepoKids और #NepoBabies ने राजनेताओं के बच्चों की शानदार जीवनशैली को उजागर किया. नेपाल में प्रति व्यक्ति आय की बात करें तो लगभग 1,300 डॉलर है. राजनेताओं के बच्चों की ऐशो-आराम भरी जिंदगी ने युवाओं में असंतोष और गुस्सा बढ़ाया.
सरकार पर दबाव और पीएम के इस्तीफे की मांग तेज
सोशल मीडिया प्रतिबंध, भ्रष्टाचार और राजनेताओं के भव्य जीवनशैली के खिलाफ युवाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर सख्त कार्रवाई ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ इस्तीफे की मांग तेज कर दी. गृह मंत्री रमेश लेखक ने 19 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया. बालेंद्र शाह की लोकप्रियता और युवा समर्थन ने नेपाल में राजनीतिक बदलाव की उम्मीदें बढ़ा दी हैं.

