Nepal Interim PM: नेपाल में Zen-Z के आंदोलन ने सरकार का तख्तापलट कर दिया है. केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं. अंतरिम सरकार के गठन की तैयारी हो रही है. लेकिन, क्या यह इतना आसान है? देखने से तो नहीं लगता. वहां हालात फिलहाल ऐसे हैं कि आंदोलन के सूत्रधार जेन जेड आपस में ही भिड़े हुए हैं. नेपाल के युवा अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर सिर फुटव्वल कर रहे हैं. नेपाल में आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के नाम पर युवाओं के दो गुटों में जमकर मारपीट हुई. बालेन, सुशीला कार्की और संपांग के नाम पर युवाओं में मतभेद हैं.
अंतरिम सरकार के नाम पर सिर फुटव्वल
नेपाल से आ रही मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आंदोलनकारी युवाओं के बीच पीएम उम्मीदवार को लेकर एक मत नहीं है. युवा के तीन गुट बन गए हैं, जिनमें से कुछ बालेन को , कुछ सुशीला कार्की को और कुछ युवा संपांग को अंतरिम पीएम बनाने की मांग कर रहे हैं. इस बात को लेकर युवाओं का मतभेद मारपीट में बदल गया है. सेना मुख्यालय के बाद आज यानी गुरुवार उम्मीदवार के नाम पर युवाओं में झड़प भी हुई. मतभेद के कारण अभी तक किसी भी उम्मीदवार के नाम पर फैसला नहीं हो पाया है. उम्मीदवार को नाम पर Gen-Z प्रतिनिधियों, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख के बीच बातचीत का दौर जारी है.
कुलमान घीसिंग का नाम भी अंतरिम पीएम की रेस में
नेपाल में जेन-जेड के कुछ कार्यकर्ताओं ने नए प्रधानमंत्री पद के लिए नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुलमन घीसिंग का भी समर्थन किया. एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि उनका देश का नेतृत्व संभालने का कोई इरादा नहीं है, बल्कि वे सिर्फ़ एक प्रहरी बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “हम सरकार में भाग नहीं लेंगे, बल्कि एक प्रहरी बने रहना चाहते हैं.” जेन जेड समूह के प्रतिनिधि दिवाकर दंगल, अमित बनिया और जुनल दंगल ने मीडिया से बात करते हुए साफ कर दिया कि उन्होंने पुराने राजनीतिक दलों को चेताया कि वे अपने निहित स्वार्थों के लिए उनका इस्तेमाल न करें. एक कार्यकर्ता ने कहा कि यह पूरी तरह से नागरिक आंदोलन है, इसलिए इसमें राजनीति करने की कोशिश कोई न करे.
संविधान संशोधन की मांग
नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे जेन जेड समूह ने गुरुवार को कहा कि संसद को भंग किया जाना चाहिए और लोगों की इच्छा को प्रतिबिंबित करने के लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए. जेन जेड कार्यकर्ताओं ने बातचीत और सहयोग के माध्यम से समाधान राजनीतिक अस्थिरता का समाधान खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया. बीते सोमवार से शुरू हुई जेन-जेड के आंदोलन में पूरे नेपाल में जमकर बवाल काटा गया. इस आंदोलन में कई प्रदर्शनकारियों की जान भी चली गई.
प्रदर्शन में कई लोगों की मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सोमवार और मंगलवार को हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश भर के अस्पतालों में 1,338 लोग भर्ती हैं, जबकि 949 को पहले ही छुट्टी दे दी गई है. नेपाल में राजनीतिक संकट तब पैदा हो गया था जब मंगलवार को भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच ओली ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद नेपाल की सेना ने कानून-व्यवस्था संभाल ली. साल 1997 से लेकर 2012 तक के बीच जन्में युवाओं को जेन जेड पीढ़ी के नाम से जाना जाता है. (इनपुट- भाषा)

