Myanmar Army Bombing From Paragliders During Buddhist Festival: बौद्ध पर्व में लोग रोशनी में डूबे हैं, बच्चे हंस रहे हैं, ढोल-नगाड़े बज रहे हैं और तभी आसमान से बम बरसने लगते हैं. कुछ ही सेकंड में हंसी चीखों में बदल जाती है. ये कोई फिल्म का सीन नहीं, बल्कि म्यांमार का सच्चा किस्सा है, जहां सेना और नागरिकों के बीच की लड़ाई अब और भी खतरनाक मोड़ ले चुकी है.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार शाम सागाइंग क्षेत्र के चाउंग यू टाउनशिप में हुए इस हमले में कम से कम 40 लोग मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए. भीड़ वहां राष्ट्रीय अवकाश और बौद्ध उत्सव मनाने के लिए एकत्र हुई थी, लेकिन कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका खून से लाल हो गया.
Myanmar Army Bombing From Paragliders During Buddhist Festival: पैराग्लाइडर से गिराए गए बम
देश की निर्वासित सरकार ने बताया कि बम मोटर चालित पैराग्लाइडर से दागे गए यानी छोटे हवाई यान जो हवा में उड़ते हुए सीधे भीड़ पर बम बरसा रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि “विस्फोट इतने तेज थे कि लोगों के पहचानने लायक शरीर तक नहीं बचे.” चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई, और पल भर में उत्सव का माहौल मातम में बदल गया.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सागाइंग वो इलाका है जहां 2021 में सेना द्वारा सत्ता हथियाने के बाद से सबसे ज्यादा हिंसा हुई है. हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं, लाखों विस्थापित हुए हैं. इस क्षेत्र में पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) नाम के स्थानीय सशस्त्र समूह सक्रिय हैं, जो सेना के खिलाफ लड़ रहे हैं. कहा जा रहा है कि पीडीएफ को पहले से संभावित हवाई हमले की चेतावनी भी दी गई थी, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि हमला इतनी निर्दयता से होगा.
पैराग्लाइडर और छोटे ड्रोन से कर रहे हैं हमला
रिपोर्टों के मुताबिक, हाल के महीनों में सेना ने कई इलाकों पर कब्जा वापस पाने के लिए हवाई हमलों और बमबारी को तेज कर दिया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस घटना को लेकर चिंता जताई है और कहा कि पैराग्लाइडर से हमला करना सेना की रणनीति में एक नया और खतरनाक मोड़ है. विश्लेषकों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण म्यांमार को अब बड़े फाइटर जेट्स की कमी हो गई है, इसलिए वह चीन और रूस से मिले छोटे हवाई वाहनों और पैराग्लाइडर तकनीक पर निर्भर हो गया है.
इस घटना के बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान (ASEAN) से कहा है कि वे म्यांमार के सैन्य शासकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. संगठन का कहना है कि यह हमला दर्शाता है कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए तुरंत वैश्विक हस्तक्षेप की जरूरत है.
चुनाव की आड़ में सत्ता की पकड़?
सोमवार का प्रदर्शन असल में सैन्य भर्ती और आगामी राष्ट्रीय चुनावों के खिलाफ शांतिपूर्ण धरना था. लोगों ने पूर्व नेता आंग सान सू की और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की थी. म्यांमार में दिसंबर में चुनाव होने वाले हैं, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह चुनाव महज एक दिखावा होंगे और सेना के नियंत्रण को वैध ठहराने के लिए.
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