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Mount Etna Volcano Eruption: इटली का माउंट एटना ज्वालामुखी फिर फटा, सिसिली में घना धुआं-राख ने मचाई दहशत

Mount Etna Volcano Eruption: इटली के माउंट एटना ज्वालामुखी में फिर विस्फोट, आसमान में राख और धुआं फैला. सिसिली द्वीप पर स्थित यूरोप के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी की गतिविधि से स्थानीय लोग और पर्यटक चिंतित.

Mount Etna Volcano Eruption: इटली का माउंट एटना ज्वालामुखी एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिसने आसमान में घना धुआं और राख फैला दी है. यूरोप के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी एटना में यह हालिया विस्फोट पर्यटकों और स्थानीय लोगों दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है. सिसिली द्वीप पर स्थित यह विशालकाय ज्वालामुखी अपनी लगातार गतिविधियों के लिए जाना जाता है और इसके हाल के फटने से आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है, हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है. अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.

हालिया विस्फोट और तात्कालिक प्रभाव

इटली के सिसिली द्वीप पर स्थित यूरोप के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट एटना में 2 जून 2025 को एक बार फिर भीषण विस्फोट हुआ है. इस विस्फोट के कारण आसमान में बड़े पैमाने पर धुआं, राख और गर्म लावा कई किलोमीटर की ऊंचाई तक फैल गया. यह हाल के वर्षों में माउंट एटना के सबसे शक्तिशाली विस्फोटों में से एक माना जा रहा है, जिसने आसपास मौजूद पर्यटकों और स्थानीय निवासियों में दहशत पैदा कर दी. विस्फोट स्थानीय समयानुसार रात लगभग 10 बजे शुरू हुआ और तीन घंटे बाद अपने चरम पर पहुंच गया. इस दौरान ज्वालामुखी के दक्षिण-पूर्वी क्रेटर का एक हिस्सा संभवतः धंस गया, जिससे यह तीव्र विस्फोट हुआ. लावा तीन अलग-अलग दिशाओं – दक्षिण, पूर्व और उत्तर की ओर बहने लगा, हालांकि, यह प्राकृतिक अवरोधों के भीतर ही सीमित रहा. विस्फोट से धरती में तीव्र कंपन महसूस किया गया, जिससे आसपास के कस्बों और गांवों में लोगों ने भूकंप जैसे झटके अनुभव किए.

जिस समय यह विस्फोट हुआ, कई पर्यटक ज्वालामुखी के निकट मौजूद थे. अचानक हुई इस घटना से घबराकर लोग अपनी जान बचाने के लिए मौके से भागते नजर आए. कुछ पर्यटकों ने इस भयावह दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया. हालांकि, प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है. इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स एंड वोल्केनोलॉजी (INGV) ने पुष्टि की है कि बीते शनिवार रात से लगातार स्ट्रोम्बोलियन विस्फोट हो रहे थे, जिनकी तीव्रता लगातार बढ़ रही थी और यह अब लावा फव्वारे में बदल चुकी है.

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Mount Etna Volcano Eruption: माउंट एटना का इतिहास

माउंट एटना यूरोप का सबसे ऊंचा और सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है, जो भूमध्य सागर के सबसे बड़े द्वीप सिसिली के पूर्वी तट पर स्थित है. इसकी ऊंचाई लगभग 3,300 मीटर है और यह लगभग 1,200 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है. माउंट एटना को ‘लेडी ऑफ द रिंग्स’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह अपने विस्फोटों के दौरान जल वाष्प के छल्ले उत्सर्जित करने की क्षमता रखता है, जिन्हें ज्वालामुखीय भँवर वलय (Volcanic Vortex Rings) कहा जाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, माउंट एटना ने पिछले साल भी हर दिन दर्जनों गैसीय वलयों का उत्पादन किया था.

इस ज्वालामुखी का भूगर्भीय इतिहास लगभग 500,000 साल पुराना है, जिसमें से पिछले 2,700 सालों से इसकी गतिविधि का दस्तावेजीकरण किया गया है. 1600 ईसवी के बाद से, माउंट एटना में कई बार विस्फोट हुए हैं, जिनमें समिट उद्गार (Summit Eruptions) और पार्श्व उद्गार (Flank Eruptions) दोनों शामिल हैं. उल्लेखनीय समिट उद्गार 2006, 2007-08, 2012 (दो बार), 2018 और हाल ही में 2021 में हुए थे, जबकि महत्वपूर्ण पार्श्व उद्गार 2001, 2002-03, 2004-05 और 2008-09 में देखे गए. यह दुनिया के सबसे लगातार सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है, और इसकी निरंतर गतिविधि ने इसे ज्वालामुखी विज्ञान, भूभौतिकी और पृथ्वी विज्ञान में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक प्रमुख स्थल बना दिया है. यूनेस्को ने 2013 में माउंट एटना को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था. इसकी रणनीतिक स्थिति और ज्वालामुखीय राख से बनी उपजाऊ मृदा स्थानीय जलवायु और कृषि पद्धतियों दोनों को प्रभावित करती है.

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स्थानीय आबादी और प्रशासन पर प्रभाव

माउंट एटना के हालिया विस्फोट के कारण निकली राख और गैसों के विशाल गुबार ने आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित किया है. राख के कारण दृश्यता कम हो गई, जिससे स्थानीय निवासियों को असुविधा हुई. विस्फोट से उत्पन्न राख और गैसों से स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने की आशंका है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है. विशेषज्ञों ने लोगों को मास्क पहनने और घर के अंदर रहने की सलाह दी है.

स्थानीय प्रशासन और इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स एंड वोल्केनोलॉजी (INGV) के अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. वोल्केनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर टूलूज़ (VAAC) ने प्रारंभिक तौर पर “कोड रेड” अलर्ट जारी किया था, जिसे कुछ घंटों बाद “ऑरेंज अलर्ट” में बदल दिया गया. प्रशासन ने लोगों को ज्वालामुखी गतिविधि जारी रहने के कारण सतर्क रहने की सलाह दी है. स्थानीय प्रशासन को पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा है. ज्वालामुखी से निकली गर्म चट्टानें और जहरीली गैसें, विशेषकर सल्फर डाइऑक्साइड, वातावरण में फैल गई हैं. लावा प्रवाह नियंत्रण क्षेत्रों तक सीमित होने के बावजूद, अधिकारियों ने किसी भी संभावित नुकसान को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं.

वैज्ञानिकों की राय और निगरानी

वैज्ञानिकों का कहना है कि माउंट एटना एक स्ट्रैटोवोल्केनो है, जिसका अर्थ है कि यह लावा, राख और चट्टानों की परतों से बना है जो हजारों वर्षों के विस्फोटों से जमा हुए हैं. इसकी भौतिक विशेषताओं में शिखर पर पांच मुख्य क्रेटर और ढलानों पर 300 से अधिक पार्श्व छिद्र शामिल हैं, जो विभिन्न प्रकार के विस्फोटों के प्राथमिक स्रोत हैं. माउंट एटना दुनिया के उन ज्वालामुखियों में से एक है जहां भूमिगत दबाव असंतुलन और मैग्मा की निरंतर आपूर्ति के कारण बार-बार विस्फोट होते रहते हैं.

इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स एंड वोल्केनोलॉजी (INGV) माउंट एटना की गतिविधि पर लगातार निगरानी रखता है. भूकंपीय डेटा, भूमि विरूपण, गैस उत्सर्जन और गुरुत्वाकर्षण परिवर्तनों का विश्लेषण ज्वालामुखी विस्फोट के पूर्वानुमान में मदद करता है. इस बार के विस्फोट में भूकंपीय कंपन भी दर्ज किया गया, जो ज्वालामुखी के अंदर मैग्मा चैंबर में बदलाव को दर्शाता है. कुछ ज्वालामुखी विज्ञानी यह भी तर्क दे रहे हैं कि यह स्ट्रोम्बोलियन नहीं, बल्कि एक प्लिनियन विस्फोट हो सकता है, जो अत्यधिक विस्फोटक होते हैं और राख, गैस और चट्टान को स्ट्रैटोस्फीयर में भेजते हैं. राख के गुबार की अत्यधिक ऊंचाई इस अधिक तीव्र विस्फोट का सुझाव देती है. इन वलयों का अध्ययन करने से वैज्ञानिकों को उद्गार की गतिशीलता और प्लम व्यवहार को समझने में मदद मिलती है, जो राख के विस्तार की भविष्यवाणी करने और विमानन जोखिमों का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

पर्यावरणीय और हवाई यातायात पर असर

माउंट एटना के विस्फोट का हवाई यातायात पर तत्काल और महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है. ज्वालामुखी से निकली राख के घने बादल हवाई क्षेत्र में फैल गए, जिससे दृश्यता कम हो गई और विमानों के इंजन को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ गया. इसके परिणामस्वरूप, निकटवर्ती कैटानिया हवाई अड्डे पर अलर्ट स्तर बढ़ा दिया गया, और कुछ उड़ानों को अस्थायी रूप से स्थगित या डायवर्ट करना पड़ा. 2024 में भी, 4 जुलाई को माउंट एटना के विस्फोट के कारण कैटानिया हवाई अड्डे को बंद करना पड़ा था.

पर्यावरणीय दृष्टिकोण से, ज्वालामुखी से निकलने वाली राख और गैसें, विशेषकर सल्फर डाइऑक्साइड, वायु की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं. इन गैसों का प्लूम कई किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है. ज्वालामुखीय विस्फोटों के सकारात्मक प्रभावों में उपजाऊ मृदा का निर्माण और भू-तापीय ऊर्जा संसाधन शामिल हैं. हालांकि, नकारात्मक प्रभावों में जीवन और संपत्ति का विनाश, जलवायु परिवर्तन (जैसे सल्फर एरोसोल अस्थायी रूप से जलवायु को ठंडा कर सकते हैं लेकिन वैश्विक मौसम पैटर्न को बाधित करते हैं) और बुनियादी ढांचे में व्यवधान शामिल हैं. राख की भारी मात्रा सड़कों, पानी के स्रोतों और कृषि भूमि को काला कर सकती है, जिससे सफाई का काम महंगा और समय लेने वाला हो जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की चिंताएं

माउंट एटना दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है, और इसके लगातार विस्फोट अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करते हैं. ज्वालामुखी की गतिविधियों की निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां, जैसे वोल्केनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर टूलूज (VAAC), स्थिति की गंभीरता का आकलन करने और संबंधित देशों को जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. एटना की निरंतर गतिविधि ज्वालामुखी विज्ञान में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक प्रमुख स्थल बन गई है, जिससे वैज्ञानिकों को भूगर्भीय प्रक्रियाओं और ज्वालामुखीय खतरों की प्रकृति को समझने में मदद मिलती है.

भविष्य की चिंताओं में स्थानीय समुदायों के लिए संभावित खतरा, हवाई यातायात में व्यवधान की निरंतरता और दीर्घकालिक पर्यावरणीय प्रभाव शामिल हैं. हालांकि, इस बार लावा प्रवाह प्राकृतिक अवरोधों के भीतर ही सीमित रहा, जिससे स्थानीय आबादी को बड़ा खतरा नहीं हुआ, लेकिन यह घटना भविष्य में संभावित खतरों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता को रेखांकित करती है. इटली के अधिकारियों और वैज्ञानिकों की सतर्कता और निरंतर निगरानी के कारण स्थिति नियंत्रण में रही, जिससे एक बड़ी आपदा टल गई. माउंट एटना के विस्फोट हमें प्रकृति की शक्तिशाली और अप्रत्याशित शक्तियों की याद दिलाते हैं, और यह दिखाते हैं कि कैसे मानव समाज को ऐसी प्राकृतिक घटनाओं के साथ सह-अस्तित्व में रहना सीखना होगा, साथ ही प्रभावी तैयारी और प्रतिक्रिया रणनीतियाँ विकसित करनी होंगी. ज्वालामुखी की राख से उपजाऊ मृदा बनने जैसे सकारात्मक पहलुओं के बावजूद, इसका विनाशकारी पक्ष हमेशा एक चिंता का विषय बना रहेगा.

विस्फोट का प्रकार विशेषताएं उदाहरण
स्ट्रोम्बोलियन मध्यम विस्फोटक, चट्टान और सिंडर (लावा के टुकड़े) बाहर निकलते हैं. मैग्मा चैंबर में गैस के जमा होने के कारण होता है. इटली का स्ट्रोम्बोली ज्वालामुखी (हर 10-20 मिनट में फटता है)
प्लिनियन अत्यधिक विस्फोटक, गैस, राख और चट्टान को स्ट्रैटोस्फीयर में भेजते हैं. माउंट वेसुवियस (पोंपेई का विनाश)
Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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