Mahashivratri 2025 : महाशिवरात्रि पर भारत में जहां हर जगह भगवान शिव की पूजा की जाएगी. वहीं, पाकिस्तान में भी इस अवसर पर कुछ स्थानों पर लोग शिव की पूजा करते नजर आएंगे. दरअसल, पाकिस्तान में रह रहे हिंदू महाशिवरात्रि के दिन हिंदू परंपरा के अनुसार वहां स्थित गिने-चुने शिव मंदिर में पूजा पाठ करेंगे. कुछ मंदिर तो केवल महाशिवरात्रि के अवसर पर ही खोले जाते हैं. आइए जानते हैं पाकिस्तान के उन शिव मंदिर के बारे में जहां महाशिवरात्रि पर बम-बम भोले की गूंज सुनाई देती है.
कटासराज शिव मंदिर
पाकिस्तान के पंजाब में शिव कटासराज मंदिर मौजूद है. पौराणिक कथाओं की मानें तो, जब माता सती हुई थीं तब भगवान शंकर की आंखों से दो आंसू टपके थे. एक आंसू कटास में, जो सरोवर अमृत कुण्ड के नाम से प्रसिद्ध है. वहीं, दूसरा अजमेर में टपका, जहां पुष्करराज तीर्थस्थल बना है. यह शिव मंदिर करीब 900 साल पुराना बताया जाता है.
उमरकोट शिव मंदिर
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के उमरकोट में शिव मंदिर है. यह 1000 साल पुराना विश्व प्रसिद्ध मंदिर है. ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में किया गया था.
कराची का शिव मंदिर
पाकिस्तान के कराची शहर में 150 साल पुराना भगवान शिव का मंदिर है जो बहुत ही विशाल है. इस मंदिर में सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. हर रविवार को यहां विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है.
कट्टरपंथियों द्वार इस मंदिर को बहुत क्षतिग्रस्त कर दिया गया. साल 2014 में पाकिस्तानी हिंदुओं ने इस मंदिर को बचाने के लिए मुहिम छेड़ी.
मनसहेरा शिव मंदिर
पाकिस्तान के चित्ती गट्टी इलाके में एक शिव मंदिर है, जो हिंदुओं के अस्तित्व का प्रतीक ही नहीं बल्कि इसके ऐतिहासिक महत्व को भी दर्शाता है. मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग करीब 2000 साल पुराना बताया जाता है. महाशिवरात्रि के त्योहार को यहां धूमधाम से हिंदू मनाते हैं. यहां हर रोज पूजा नहीं होती, लेकिन शिवरात्रि पर भक्तों का तांता नजर आता है.
जोही शिव मंदिर
जोही में लगभग 200 साल पुराना शिव मंदिर है. यहां के लोग भगवान शिव को मुख्य देवता मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं. मंदिर कट्टरपंथियों की भेंट चढ़ गया. चारो ओर से अब यह मंदिर टूट चुका है. यहां टूटी हुई मूर्तियों के अवशेष नजर आते हैं.यह मंदिर भारतीय और नेपाल के शिव मंदिरों से बहुत ही मिलता जुलता है.