Netanyahu Boycotts: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा भाषण दिया. उन्होंने कहा कि इजराइल को गाजा में हमास के खिलाफ अपना काम पूरा करना होगा. इस दौरान उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ा. नेतन्याहू जब मंच पर आए तो कई देशों के राजनयिकों ने उनका बायकॉट करते हुए वॉकआउट कर दिया. संयुक्त राष्ट्र के हॉल से वे सभी एक साथ बाहर चले गए. नेतन्याहू ने कहा ‘पश्चिमी नेता दबाव में झुक गए होंगे, और मैं आपको एक चीज की गारंटी देता हूं. इजराइल नहीं झुकेगा.’
कई देशों के प्रतिनिधियों ने किया बहिष्कार
नेतन्याहू शुक्रवार को जब वह भाषण देने ही वाले थे उसी समय कई देशों के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल से सामूहिक रूप से बाहर चले गए. उन्होंने इसके बाद संबोधन शुरू किया. फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने के देशों के हालिया फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नेतन्याहू ने कहा “आपका यह शर्मनाक फैसला यहूदियों और हर जगह निर्दोष लोगों के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देगा.” जैसे ही इजराइली नेता ने बोलना शुरू किया हॉल में हल्का शोर सुनाई दे रहा था. कुछ लोगों ने तालियां भी बजाईं. अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल वहीं रुका रहा, जिसने हमास के खिलाफ नेतन्याहू के अभियान में उनका समर्थन किया था.
यहूदी-विरोध का खत्म होना मुश्किल- नेतन्याहू
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा ‘यहूदी-विरोध का खत्म होना मुश्किल है. दरअसल, यह बिल्कुल नहीं खत्म होता.’ नेतन्याहू को अंतरराष्ट्रीय अलगाव, युद्ध अपराधों के आरोपों और उस संघर्ष को खत्म करने के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार का भाषण उनके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सबसे बड़े मंच पर अपनी प्रतिक्रिया देने का एक मौका था. नेतन्याहू ने मंच पर चढ़ते समय विशेष पिन पहने रखा था, जिस पर क्यूआर कोड लगा था. प्रधानमंत्री के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों, मंत्रियों और उनके साथ आए लोगों ने भी वही पिन लगाए हुए थे.
नेतन्याहू ने की ट्रंप की सराहना
भाषण के दौरान नेतन्याहू ने अपने प्रमुख सहयोगियों समेत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की काफी सराहना की. नेतन्याहू ने कहा कि पश्चिम एशिया में हो रहे बदलावों ने नए अवसर पैदा किए हैं. इजराइल ने सीरिया के साथ बातचीत शुरू कर दी है जिसका उद्देश्य देश की नई सरकार के साथ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना है. पश्चिम एशिया में इजराइली सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि गाजा वासी और अन्य लोग इजराइल की बात सुनें. सेना ने इजराइल-गाजा सीमा पर लाउडस्पीकर लगा दिए थे ताकि नेतन्याहू का भाषण सुनाई दे.

