Indian Origin Singaporean Man arrested: सिंगापुर में एक गिरजाघर की सुरक्षा को लेकर उस समय चिंता फैल गई, जब वहां एक संदिग्ध वस्तु मिलने के बाद पुलिस ने भारतीय मूल के एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया. इस घटना के चलते चर्च प्रशासन को एहतियातन सभी प्रार्थना सभाएं रद्द करनी पड़ीं. सिंगापुर के अपर बुकिट तिमाह इलाके में स्थित सेंट जोसेफ चर्च में कथित तौर पर डर फैलाने के इरादे से एक संदिग्ध वस्तु रखने के आरोप में 26 वर्षीय कोकुलनंथन मोहन को गिरफ्तार किया गया है. ‘चैनल न्यूज एशिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी पर संयुक्त राष्ट्र (आतंकवाद-रोधी उपाय) विनियमों के नियम 8(2)(ए) के तहत कार्रवाई की गई है.
आरोप पत्रों में कहा गया है कि रविवार सुबह करीब 7:11 बजे युवक ने चर्च परिसर में तीन गत्ते के रोल रखे थे, जिनमें कंकड़ भरे हुए थे और जिन्हें काले व पीले टेप से आपस में बांधा गया था. आरोप है कि यह कृत्य किसी अन्य व्यक्ति को यह दिखाने के इरादे से किया गया था. जांच एजेंसियों का मानना है कि यह वस्तु इस तरह से रखी गई थी ताकि देखने वालों को लगे कि इसमें विस्फोट या आग लगने का खतरा हो सकता है, जिससे किसी को चोट या संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता है. गिरजाघर में संदिग्ध वस्तु मिलने के बाद रविवार को सभी प्रार्थना सेवाएं रद्द कर दी गईं.
धार्मिक नफरत या आतंकवादी साजिश से जुड़ा मामला नहीं
सिंगापुर पुलिस बल (SPF) ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि शुरुआती जांच से संकेत मिले हैं कि आरोपी ने खुद ही एक ऐसी वस्तु तैयार की थी, जो देखने में विस्फोटक उपकरण जैसी लग रही थी और उसे चर्च परिसर में रखा गया. पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि यह मामला किसी धार्मिक नफरत या आतंकवादी साजिश से जुड़ा हुआ है. माना जा रहा है कि आरोपी ने यह काम अकेले ही किया.
नाइट शिफ्ट में काम करता है, इस वजह से हुआ ऐसा
जब उसे बताया गया कि अभियोजन पक्ष ने मेडिकल जांच की मांग की है, तो उसने कहा कि इसमें गलतफहमी हुई है. उसने यह भी जोड़ा कि पहले उसकी अस्पताल में भर्ती शराब से जुड़े एक मामले के कारण हुई थी, जो अब सुलझ चुका है. जज ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई के दौरान आरोपी के आचरण और व्यवहार को देखते हुए मानसिक जांच जरूरी समझी गई है. इस पर कोकुलनंथन ने कहा कि पुलिस द्वारा देखे गए उसके व्यवहार का कारण नींद की कमी था, क्योंकि वह नाइट शिफ्ट में काम करता है. जज ने कहा कि वह मेडिकल जांच के दौरान मनोचिकित्सक को यह बात समझा सकता है.
आरोप सिद्ध हुए तो लगेगा तगड़ा झटका
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी को उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच के लिए तीन सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वह 12 जनवरी को अदालत में पेश होगा. यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो उसे अधिकतम 10 साल की जेल, पांच लाख सिंगापुर डॉलर (3,86,757 अमेरिकी डॉलर यानी 3 करोड़ 46 लाख रुपये से ज्यादा) तक का जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं.
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