India US Tariff Dispute: भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी राजनीति में बड़ा असर रखने वाले लॉबिस्ट और डोनाल्ड ट्रंप के पुराने सहयोगी जेसन मिलर सुर्खियों में हैं. हाल ही में मिलर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की है. इस मुलाकात को खास माना जा रहा है क्योंकि मिलर कुछ महीने पहले ही भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए गए थे ताकि भारत की कूटनीतिक पकड़ अमेरिकी प्रशासन में और मजबूत हो सके.
भारत की ओर से नियुक्त विदेशी एजेंट (India US Tariff Dispute)
सार्वजनिक दस्तावेजों के मुताबिक, जेसन मिलर एक रजिस्टर्ड विदेशी एजेंट हैं जो भारतीय हितों की वकालत करते हैं. अप्रैल 2024 में भारत सरकार ने उनकी लॉबिंग फर्म SHW Partners LLC को आधिकारिक रूप से नियुक्त किया था. इस समझौते के तहत भारत हर महीने लगभग 1.5 लाख डॉलर (करीब 1.25 करोड़ रुपये) फीस चुका रहा है. यह अनुबंध एक साल का है जिसकी कुल कीमत 1.8 मिलियन डॉलर (करीब 15 करोड़ रुपये) है. फर्म की जिम्मेदारी अमेरिकी प्रशासन, कांग्रेस, थिंक टैंक और अन्य संस्थानों के साथ भारत से जुड़े मुद्दों पर रणनीतिक सलाह देना और सरकारी संपर्कों को मजबूत करना है.
ट्रंप कैंपेन में अहम भूमिका (India US Tariff Dispute)
जेसन मिलर का डोनाल्ड ट्रंप से संबंध पुराना है. वे 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में मुख्य मीडिया प्रवक्ता रहे थे. ट्रंप प्रशासन में उन्हें वाइट हाउस का कम्युनिकेशंस डायरेक्टर बनाया जाना था, लेकिन निजी विवादों और आरोपों के चलते वे इस पद तक नहीं पहुंच सके. हालांकि विवादों के बावजूद मिलर ट्रंप के करीबी सलाहकार बने रहे और 2020 तथा 2024 दोनों चुनावों में उन्होंने अहम रणनीतिक भूमिका निभाई.
मौजूदा मुलाकात का महत्व (India US Tariff Dispute)
मिलर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि वॉशिंगटन में उनका सप्ताह शानदार रहा और सबसे खास पल था राष्ट्रपति को ऐक्शन में देखना. भले ही इस मुलाकात का आधिकारिक एजेंडा सामने नहीं आया है, लेकिन यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ रहा है. दोनों देश टैरिफ, आयात-निर्यात और आर्थिक रणनीतियों पर फिर से खींचतान में उलझे हैं. ऐसे में ट्रंप के करीबी सहयोगी की भारत से जुड़ी भूमिका और भी अहम हो जाती है.

