India Russia Oil Trade: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की रूस से तेल खरीद पर नया विवाद खड़ा कर दिया है. रविवार (7 सितंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनके पोस्ट पर कम्युनिटी नोट लगते ही उन्होंने अपना आपा खो दिया और एलन मस्क पर भी हमला बोल दिया. नवारो ने लिखा कि भारत रूस से तेल केवल मुनाफाखोरी के लिए खरीद रहा है और इस राजस्व से मॉस्को की युद्ध मशीन को बल मिल रहा है. उन्होंने दावा किया कि “भारत के ऊंचे टैरिफ अमेरिकी नौकरियों को खत्म कर रहे हैं, यूक्रेनियन और रूसी मारे जा रहे हैं और अमेरिकी करदाता ज्यादा बोझ उठा रहे हैं.”
India Russia Oil Trade: X पर कम्युनिटी नोट
नवारो के इस पोस्ट को X उपयोगकर्ताओं ने गलत बताया और तथ्य जोड़ते हुए कम्युनिटी नोट जोड़ा. इसमें कहा गया कि भारत की रूस से तेल खरीद उसकी ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों से जुड़ी है, न कि केवल मुनाफे से. यह व्यापार किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं करता. नोट में यह भी जोड़ा गया कि अमेरिका खुद भी रूस से कुछ वस्तुएं आयात करता है, जो उसे “पाखंडी रवैया” बनाता है. साथ ही, “भारत पर कुछ टैरिफ जरूर हैं, लेकिन अमेरिका को सेवाओं के क्षेत्र में उससे अधिशेष मिलता है.”
‘क्रैप नोट’ पर बौखलाए नवारो
इस सुधार से नाराज नवारो ने कम्युनिटी नोट को “क्रैप” कहकर खारिज किया और एलन मस्क पर आरोप लगाया कि वे “लोगों की पोस्ट में प्रोपेगेंडा आने दे रहे हैं.” उन्होंने दोबारा लिखा कि भारत रूस का तेल सिर्फ मुनाफाखोरी के लिए खरीद रहा है. युद्ध से पहले उसने रूस से तेल नहीं खरीदा था. भारतीय सरकार का स्पिन मशीन फुल टिल्ट पर चल रहा है. यूक्रेनियन को मारना बंद करो, अमेरिकी नौकरियां छीनना बंद करो. गौरतलब है कि X पर कम्युनिटी नोट उपयोगकर्ताओं द्वारा मिलकर डाले जाते हैं और इनमें एलन मस्क की कोई सीधी भूमिका नहीं होती.
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भारत पर लगातार हमले
यह पहली बार नहीं है जब नवारो ने भारत पर निशाना साधा हो. हाल के दिनों में उन्होंने भारत को “क्रेमलिन लॉन्ड्रोमैट” तक कहा और यहां तक कि जाति आधारित टिप्पणी करते हुए “ब्राह्मण मुनाफाखोरी कर रहे हैं” जैसा विवादित बयान भी दिया. भारत ने नवारो के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि नवारो के बयान “गलत और भ्रामक” हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत-अमेरिका संबंध एक “समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी” हैं, जो साझा हितों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है. नवारो ने हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध को “मोदी की जंग” करार दिया था. उनके लगातार बयानों ने भारत-अमेरिका रिश्तों पर नई बहस छेड़ दी है.
दरअसल, यह विवाद उस वक्त और बढ़ा जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाने का एलान किया. यह फैसला 27 अगस्त से लागू हुआ. इससे पहले वाशिंगटन ने “अनुचित व्यापार प्रथाओं” का हवाला देकर 25% शुल्क लगाया था और बाद में रूस से तेल खरीद का मुद्दा उठाकर अतिरिक्त 25% जोड़ दिया.
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ट्रंप का नरम बयान
हालांकि, ट्रंप ने भारत के प्रति अपने रुख को कुछ नरम भी किया. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा प्रधानमंत्री मोदी का दोस्त रहूंगा. वह एक महान प्रधानमंत्री हैं. मैं सिर्फ इस समय उनके रूस से तेल खरीदने के फैसले को पसंद नहीं करता. लेकिन भारत और अमेरिका का खास रिश्ता है. चिंता की कोई बात नहीं है.

