India Agni-5 MIRV Missile Test: जब बड़े देशों की राजनीति कहीं न कहीं संघर्ष में उलझी होती है, तो अपनी रक्षा और सैन्य ताकत बढ़ाना सिर्फ विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत बन जाता है. ऐसे समय में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता के बाद अपनी सैन्य क्षमता और हथियारों की ताकत को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, किसी देश की शक्ति सिर्फ सैनिकों की संख्या से नहीं, बल्कि न्यूक्लियर हथियारों और उनके लॉन्चिंग सिस्टम से भी तय होती है.
न्यूक्लियर मिसाइल- ताकत सिर्फ हथियार से नहीं
न्यूक्लियर हथियार किसी देश की सुरक्षा के सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं, लेकिन उनका असर यह तय करता है कि उन्हें कहां से लॉन्च किया जा सकता है जैसे में कि फाइटर जेट, युद्धपोत, सबमरीन या मिसाइल. भारत और चीन के पास ये क्षमता सभी तीन मार्गों से है, जबकि पाकिस्तान फिलहाल समुद्र से न्यूक्लियर स्ट्राइक करने में सक्षम नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि न्यूक्लियर मिसाइलों की ताकत का असली पैमाना यही है.
Agni-5 मिसाइल – भारत की नई क्षमता
इंडो-पैसिफिक डिफेंस फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अपनी सबसे लंबी दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल Agni-5 का सफल परीक्षण ओडिशा से किया. यह मिसाइल डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई है. Agni-5 एक तीन-स्टेज इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज 5,000 किलोमीटर से अधिक है. इसका मतलब है कि भारत किसी भी समय चीन और पाकिस्तान में न्यूक्लियर स्ट्राइक कर सकता है.
MIRV वेरिएंट- एक मिसाइल, कई लक्ष्य
पिछले साल, भारतीय सेना ने Agni-5 का MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) वेरिएंट टेस्ट किया. इसका मतलब है कि एक ही मिसाइल से कई अलग-अलग लक्ष्य एक साथ नष्ट किए जा सकते हैं. यह टेस्ट इसलिए अहम था क्योंकि चीन के पास भारत से कई गुना ज्यादा न्यूक्लियर वारहेड हैं. SIPRI रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पास लगभग 600 न्यूक्लियर वारहेड हैं, जबकि भारत के पास 180. भारत इस कमी को Agni-5 के एडवांस वेरिएंट के जरिए पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है, जिसकी अनुमानित रेंज 7,500 किलोमीटर है.
पाकिस्तान के दावे और विशेषज्ञों की राय
पाकिस्तान ने अपनी मिसाइल Ababeel के जरिए MIRV क्षमता होने का दावा किया है, लेकिन विशेषज्ञ इन दावों पर संदेह जता रहे हैं. चीन के पास DF-5 और DF-41 जैसी मिसाइलें हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत का Agni-5 टेस्ट चीन को अपनी मिसाइल रेंज बढ़ाने के लिए मजबूर कर सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को सी-बेस्ड डिटरेंट (SSBNs) और फुल न्यूक्लियर ट्रायड पर ध्यान देना चाहिए, सिर्फ लैंड-बेस्ड मिसाइलों तक सीमित नहीं रहना चाहिए. हालांकि, यह कदम क्षेत्रीय तनाव बढ़ा सकता है.
India Agni-5 MIRV Missile Test: भारत की न्यूक्लियर मॉडर्नाइजेशन में शामिल हैं
कलाम सबमरीन-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल और नए अग्नि इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल वेरिएंट शामिल है. इन प्रयासों से भारत और चीन के बीच की रणनीतिक दूरी घटाने की उम्मीद है. रक्षा विशेषज्ञ राजेश्वरी राजगोपालन का कहना है कि चीन की न्यूक्लियर ताकत लगातार बढ़ रही है. साथ ही, चीन की नो-फर्स्ट-यूज नीति पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि संकेत मिल रहे हैं कि बीजिंग लॉन्च-ऑन-वार्निंग या इवेंट-ऑन-लॉन्च रणनीति अपना सकता है.
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