Hospital Staff Shootout: सीरिया के स्वैदा (Sweida) शहर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां सैन्य वर्दी पहने हथियारबंद लोगों ने अस्पताल के कर्मचारियों को गोली मार दी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हमलावर सीरियाई सरकार के समर्थक थे और घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. यह घटना स्वैदा नेशनल हॉस्पिटल के अंदर हुई थी. वीडियो में दिखता यह है कि अस्पताल कर्मचारी घुटनों के बल बैठे हैं और सामने हथियार थामे लोग खड़े हैं. एक कर्मचारी को तब गोली मार दी गई जब उसने हमलावरों के खींचने का विरोध किया. हमलावरों की वर्दी के पीछे “इंटर्नल सिक्योरिटी फोर्सेस” (Internal Security Forces) लिखा हुआ था. एक अन्य फुटेज में अस्पताल के बाहर एक टैंक तैनात दिखाई दिया है.
Hospital Staff Shootout Syria in Hindi: सरकार ने दी जांच के आदेश
सीरिया के गृह मंत्रालय ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. मंत्रालय ने बताया कि सुरक्षा मामलों के उप मंत्री मेजर जनरल अब्दुल कादेर अल-तह्हान को जांच की जिम्मेदारी दी गई है ताकि अपराधियों की जल्द पहचान और गिरफ्तारी हो सके. बयान में कहा गया कि हम इस घटना की निंदा करते हैं और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा, चाहे उनका संबंध किसी से भी हो.
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जुलाई में क्यों भड़की थी हिंसा?
एक्टिविस्ट मीडिया ग्रुप ‘सुवैदा 24’ (Suwayda 24) के मुताबिक, यह वीडियो 16 जुलाई का है. उस समय स्वैदा प्रांत में सीरियाई सरकारी बलों और द्रूज (Druze) लड़ाकों के बीच भीषण झड़पें हो रही थीं. हिंसा की शुरुआत तब हुई जब स्वैदा के एक बेदुइन (Bedouin) कबीले ने एक चौकी बनाकर वहां से गुजर रहे एक द्रूज व्यक्ति पर हमला कर लूटपाट की. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच बदले की कार्रवाइयों और अपहरण का सिलसिला शुरू हो गया था. सरकारी बल हालात संभालने पहुंचे, लेकिन उन पर आरोप लगा कि उन्होंने बेदुइन कबीलों का पक्ष लिया है.
Surveillance cameras at Sweida Hospital documented forces affiliated with the Syrian Interim Government executing the medical staff during the recent events in Sweida. pic.twitter.com/Ljj2LgO47J
— Beirut Wire (@beirutwire) August 10, 2025
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द्रूज इलाकों में सेना की एंट्री से अल्पसंख्यकों पर हमले का डर बढ़ गया और इसी दौरान इजराइल ने दमिश्क पर ड्रोन हमला किया. अंतरराष्ट्रीय दबाव और इजराइल के हमलों के बीच सीरिया ने 19 जुलाई को तत्काल युद्धविराम की घोषणा की. घटना के बाद इलाके में तनाव कम नहीं हुआ है. अल्पसंख्यक समुदायों में डर और गुस्सा गहराता जा रहा है. विश्लेषकों का कहना है कि अगर जांच पारदर्शी नहीं हुई, तो स्वैदा में फिर से हिंसा भड़क सकती है.

