Gen Z Protest Nepal: हिंसाग्रस्त नेपाल में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व क्षमता की जमकर तारीफ हो रही है. अपनी सरकार से नाराज युवाओं की मांग है कि नेपाल में भी मोदी जैसी सरकार चाहिए. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें युवाओं यह कहते हुए सुना जा सकता है कि नेपाल में भी मोदी जैसी सरकार चाहिए. युवाओं ने कहा, बालेंद्र शाह बालेन नेपाल को एक दम से ठीक कर देंगे. एक युवा को सुना जा सकता है, वह लगातार कह रहा है कि नेपाल में भी अगर मोदी जैसी सरकार होती, तो नेपाल सबसे आगे होता. राजन भंडारी नाम के प्रदर्शनकारी युवा ने कहा, मोदी जैसी सरकार नेपाल में भी होना चाहिए, जिससे देश दुनिया भर में सबसे आगे हो.
नेपाल को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नेपाल के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए सीसीएस बैठक बुलाई थी. जिसमें उन्होंने कहा- “नेपाल में हिंसा हृदय विदारक है. मुझे इस बात का दुख है कि कई युवाओं ने अपनी जान गंवाई है. नेपाल की स्थिरता, शांति व समृद्धि हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. मैं नेपाल में अपने सभी भाइयों और बहनों से विनम्रतापूर्वक शांति कायम करने की अपील करता हूं.”
नेपाल में कर्फ्यू
नेपाल की सेना ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए बुधवार को देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए और कर्फ्यू लगा दिया है. सेना ने एक बयान में कहा कि प्रतिबंधात्मक आदेश पूरे देश में सुबह से शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेंगे और उसके बाद गुरुवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा. सेना ने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए ये कदम जरूरी हैं. मंगलवार रात 10 बजे से देशभर में सुरक्षा अभियान की कमान संभालने वाली सेना ने चेतावनी दी कि प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों और संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उचित तरीके से उससे निपटा जाएगा.
कर्फ्यू में किसको छूट
बयान में कहा गया है, ‘‘बलात्कार और हिंसक हमलों का भी खतरा है. देश की सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लागू कर दिया गया है.’’ बयान में स्पष्ट किया गया है कि एम्बुलेंस, दमकल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सुरक्षा बलों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों और कर्मियों को प्रतिबंधात्मक आदेशों और कर्फ्यू के दौरान काम करने की अनुमति होगी.
विरोध प्रदर्शन के दैरान लूटे गए हथियार वापस करें: सेना
सेना ने लोगों से छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान लूटी गई या मिली बंदूकें, हथियार और गोलियां नज़दीकी पुलिस चौकी या सुरक्षाकर्मियों को लौटाने का भी आग्रह किया. सेना ने एक अन्य बयान में कहा, ‘‘चूंकि ऐसे हथियारों के दुरुपयोग की आशंका है, इसलिए कृपया अधिकारियों को सूचित करें और उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षा एजेंसियों को लौटा दें.’’ सेना ने चेतावनी दी कि अगर किसी के भी पास ऐसे हथियार या गोला-बारूद बरामद किए गए तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
हिंसा में 19 लोगों की हुई मौत
भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जेड’ द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे जिसके तुरंत बाद मंगलवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था. हालांकि, उनके इस्तीफे के बाद भी प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी इमारतों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी.

