France Violence After Nepal : नेपाल के बाद अब फ्रांस में बुधवार को जबरदस्त हिंसा और विरोध प्रदर्शन देखने को मिले. प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों में सड़कों को जाम कर दिया, आगजनी की और पुलिस पर हमला किया. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे. यह प्रदर्शन राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर दबाव बनाने और उनकी नई प्रधानमंत्री को सियासी तौर पर घेरने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने जानकारी दी कि प्रदर्शन की शुरुआत के शुरुआती घंटों में ही करीब 200 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि देशभर में फैले इस आंदोलन ने हालात को काफी हद तक बिगाड़ दिया है. प्रदर्शनकारियों की योजना “सबकुछ बंद करने” की थी, हालांकि वह अपने घोषित इरादे तक नहीं पहुंच सके.
प्रदर्शन की शुरुआत सोशल मीडिया पर हुई थी और पिछले कुछ महीनों में यह तेजी से फैलता गया. बुधवार को करीब 80 हजार सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था, ताकि देशव्यापी अव्यवस्था को रोका जा सके. पुलिस ने कई जगहों पर लगे बैरिकेड हटाए और तेजी से गिरफ्तारियां कीं.
गृह मंत्री ने बताया कि पश्चिमी शहर रेन (Rennes) में प्रदर्शनकारियों ने एक बस को आग के हवाले कर दिया. वहीं, दक्षिण-पश्चिमी इलाके में बिजली की लाइन को नुकसान पहुंचने से रेल सेवा बाधित हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ प्रदर्शनकारी देश में “विद्रोह जैसा माहौल” बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह विरोध सिर्फ सरकार की नीतियों के खिलाफ नहीं, बल्कि जनता में बढ़ते असंतोष का प्रतीक है. फिलहाल, फ्रांस सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती हालात को सामान्य करने और जनभावनाओं को संतुलित करने की है.

