End of Universe: सृष्टि की उत्पत्ति बिग बैंग से हुई है और यह लगातार फैल रहा है. वैज्ञानिकों ने साबित भी कर दिया है कि हमारा ब्रह्मांड बहुत अधिक स्पीड से लगातार फैलता जा रहा है. लेकिन, क्या यह अनंत काल तक फैलता रहेगा? बीते दिनों ‘जर्नल ऑफ कॉस्मोलॉजी एंड एस्ट्रोपार्टिकल फिजिक्स’ में एक चौंकाने वाला अध्ययन सामने आया है. इसमें दावा किया गया है कि ब्रह्मांड का यह फैलाव एक बिग क्रंच या सिकुड़न के साथ खत्म हो सकता है. अध्ययन में यह भी दावा किया जा रहा है कि अगर यह सोच सही है, तो अभी हम फैलाव के करीब आधे रास्ते पर हैं. नई रिसर्च के मुताबिक जैसे ब्रह्मांड की शुरुआत बिग बैंग से हुई थी उसी तरह ब्रह्मांड का अंत Big Crunch से हो सकता है. इस थ्योरी के मुताबिक अब से करीब 7 अरब साल बाद ब्रह्मांड का फैलना बंद हो जाएगा और यह सिकुड़ने लगेगा. करीब 33 अरब साल बाद यह सिकुड़कर एक बिंदु में समा जाएगा.

उलट सकती है डार्क एनर्जी की दिशा
वैज्ञानिकों का दावा है कि ब्रह्मांड में मौजूद डार्क एनर्जी के कारण हमारा यूनिवर्स लगातार फैल रहा है. साइंटिस्ट अब तक इसे स्थिर शक्ति मानते आए हैं. लेकिन, नई खोजों से पता चला है कि यह शक्ति स्थिर नहीं बल्कि डायनामिक है. ऐसे में आने वाले बहुत समय के बाद इसकी दिशा उलट सकती है. आधुनिक भौतिकी कहता है कि ब्रह्मांड की शुरुआत करीब 13.8 अरब साल पहले बिग बैंग के साथ हुई थी. कई शोधकर्ता इस बात पर सहमत रहे है कि ब्रह्मांड सभी दिशाओं में अनंत रूप से फैलता जा रहा है. लेकिन, अब एक नई थ्योरी आकार ले रही है, जिसके मुताबिक ब्रह्मांड के फैलाव का अंत होने के बाद इसमें ‘बिग क्रंच या बड़ा संकुचन’ आ सकता है.

क्या कहता है नया रिसर्च?
कॉर्नेल विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञानी हेनरी टाई और उनके सहयोगियों ने कई वेधशालाओं से डार्क एनर्जी मिली जानकारी को एक ब्रह्मांडीय मॉडल में शामिल किया है, इसमें कॉस्मोलॉजिकल कॉन्स्टेंट भी शामिल है. नई थ्योरी के मुताबिक डार्क एनर्जी का व्यवहार एक अल्ट्रा लाइट पार्टिकल और एक नेगेटिव कॉस्मोलॉजिकल कॉन्स्टेंट के मिक्सचर जैसा है. इसके साधारण शब्दों में कहे तो ब्रह्मांड एक रबर बैंड की तरह है, जो काफी फैल सकता है और एक समय बाद वह वापस तेजी से सिकुड़ जाता है. हमारा ब्रह्मांड भी ऐसा ही कर सकता है. अति फैलाव के बाद एक बिग क्रंच से ब्रह्मांड सिकुड़ सकता है.

11 अरब साल बाद फैलाव की सीमा तक पहुंच जाएगा ब्रह्मांड
शोधकर्ताओं के मुताबिक अभी हमारा ब्रह्मांड 13.8 अरब साल पुराना है, और निरंतर फैल रहा है, फैलता जा रहा है. इस सिद्धांत के मुताबिक ब्रह्मांड अब से करीब 11 अरब वर्षों तक फैलकर अपने अधिकतम आकार तक पहुंच जाएगा. उसके बाद यह एक बिंदु की ओर सिकुड़ना शुरू करेगा. फिर 33 अरब वर्षों के बाद ब्रह्मांड खुद को शून्य में समेट लेगा.

