Australia Beach Attacker travelled Claims Report: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान आतंकी हमले में नया खुलासा सामने आया है. बीबीसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमला करने वाले बाप-बेटों ने कुछ समय पहले फिलीपींस की यात्रा की थी. इसमें पिता ने भारतीय पासपोर्ट जबकि पुत्र ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट पर यात्रा की थी. हमलावरों की फिलीपींस यात्रा और संभावित कट्टरपंथी संपर्कों की भी गहन जांच की जा रही है. वहीं ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इसे इस्लामिक स्टेट (IS) से प्रेरित आतंकवादी हमला बताया है. अधिकारियों ने कहा कि इस हमले का उद्देश्य देश के यहूदी समुदाय में दहशत फैलाना था, हालांकि हमलावरों की गहरी मंशा को लेकर अब तक सीमित जानकारी ही साझा की गई है.
मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने बताया कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर पहली बार संदिग्धों की विचारधारा पर टिप्पणी की जा रही है. हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन से “इस्लामिक स्टेट के झंडे”, साथ ही “घरेलू तौर पर बनाए गए” विस्फोटक उपकरण (IEDs) बरामद किए गए हैं. इस हमले में घायल हुए 25 लोग अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनमें से 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है.
ISIS को ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है. इससे पहले, ABC न्यूज ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया था कि बॉन्डी बीच गोलीबारी से एक महीने पहले दोनों हमलावर कथित तौर पर “सैन्य-शैली का प्रशिक्षण” लेने के लिए फिलीपींस गए थे. NSW पुलिस आयुक्त माल लैनन ने कहा, “मैं पुष्टि कर सकता हूं कि वे फिलीपींस गए थे. वे वहां क्यों गए, यात्रा का उद्देश्य क्या था और वहां रहते हुए वे कहां गए, इन सभी पहलुओं की इस समय जांच की जा रही है.”
ब्लूमबर्ग ने भी ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया कि पाकिस्तान मूल के इन संदिग्धों ने कथित तौर पर भारतीय पासपोर्ट पर यात्रा की और वे 1 नवंबर को फिलीपींस पहुंचे तथा 28 नवंबर को वहां से रवाना हुए. प्रवक्ता के अनुसार, दोनों ने फिलीपींस में अपने अंतिम गंतव्य के रूप में दावाओ शहर को दर्ज कराया था. इसके बाद वे दावाओ से मनीला होते हुए सिडनी के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट से रवाना हुए. फिलीपींस के अधिकारियों ने कहा है कि वे इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.
बॉन्डी बीच गोलीबारी: आतंकी हमला करार
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने बॉन्डी बीच पर हुई सरेआम गोलीबारी को “इस्लामिक स्टेट से प्रेरित आतंकवादी हमला” करार दिया है. ऑस्ट्रेलिया की संघीय पुलिस आयुक्त क्रिसी बैरेट ने मंगलवार को यह जानकारी दी. रविवार को हनुक्का उत्सव के दौरान पिता-पुत्र द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग में एक बच्चे सहित कुल 15 लोगों की मौत हो गई थी. अधिकारियों के मुताबिक, 50 वर्षीय एक हमलावर को पुलिस ने मौके पर ही मार गिराया, जबकि उसका 24 वर्षीय बेटा घायल हो गया, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस के अनुसार, संदिग्धों ने अपने परिवार के सदस्यों को बताया था कि वे एक सप्ताहांत की मछली पकड़ने की यात्रा पर जा रहे हैं, लेकिन वास्तव में वे कैंप्सी में एक अल्पकालिक किराये के मकान में ठहरे हुए थे, जहां कथित तौर पर वे हमले की योजना बना रहे थे. आतंकवाद-रोधी अधिकारियों ने घटना के बाद उस संपत्ति की तलाशी ली और जांच के दौरान दो और हथियार बरामद किए.
फिलीपींस यात्रा की जांच
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कथित हमलावर बॉन्डी बीच गोलीबारी से ठीक एक महीने पहले फिलीपींस क्यों गए थे. मनीला के अधिकारियों ने बीबीसी को बताया कि दोनों ने 1 से 28 नवंबर के बीच फिलीपींस की यात्रा की थी. इमिग्रेशन ब्यूरो की प्रवक्ता डाना सैंडोवल के अनुसार, 50 वर्षीय साजिद अकरम ने भारतीय पासपोर्ट पर यात्रा की थी, जबकि उनके 24 वर्षीय बेटे नावेद ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट का इस्तेमाल किया. ब्लूमबर्ग के हवाले से ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के एक प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान मूल के इन संदिग्धों ने कथित तौर पर भारतीय पासपोर्ट पर यात्रा की और वे 1 नवंबर को फिलीपींस पहुंचे तथा 28 नवंबर को वहां से रवाना हुए. यानी वे लगभग एक महीने तक यहां रहे.
दावाओ बना था अंतिम गंतव्य
प्रवक्ता ने बताया कि दोनों ने फिलीपींस में अपने अंतिम गंतव्य के रूप में दक्षिणी शहर दावाओ को घोषित किया था. ऑस्ट्रेलिया लौटते समय उनकी वापसी की फ्लाइट सिडनी के लिए थी. दावाओ, फिलीपींस के मुख्य दक्षिणी द्वीप मिंडानाओ के पूर्वी हिस्से में स्थित एक बड़ा महानगर है. मिंडानाओ के मध्य और दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों के कुछ गरीब इलाकों में इस्लामी चरमपंथी संगठनों की गतिविधियां पहले से मौजूद रही हैं. इस हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट ऑफ एशिया (ISEA) के नजरिए से भी जांच की जा रही है. फिलहाल ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है. लेकिन बीते समयों में कुछ ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के फिलीपीनी आतंकी संगठनों से संबंध रहे हैं.
सैन्य प्रशिक्षण पर अनिश्चितता
इस बीच, फिलीपीनी सेना ने कहा है कि वह इस बात की तत्काल पुष्टि नहीं कर सकी है कि दोनों ने फिलीपींस में रहते हुए किसी तरह का “सैन्य-शैली का प्रशिक्षण” लिया था या नहीं, जैसा कि पहले रिपोर्टों में दावा किया गया था. फिलीपींस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता आर्सेनियो एंडोलोंग ने बीबीसी को टेक्स्ट संदेश के जरिए बताया कि पुलिस रविवार की गोलीबारी से पहले दोनों संदिग्धों की फिलीपींस यात्रा की जांच कर रही है. सिडनी में फिलीपींस मूल के तकरीबन 86 हजार लोग रहते हैं, ये इस शहर के लगभग सबसे बड़े प्रवासी समूहों में से एक हैं.
क्षेत्र में चरमपंथ की पृष्ठभूमि
फिलीपींस लंबे समय से देश के दक्षिणी हिस्सों में इस्लामी चरमपंथी समूहों की गतिविधियों से जूझता रहा है. वर्ष 2017 में इस्लामिक स्टेट के प्रति निष्ठा जताने वाले आतंकवादियों ने मारावी शहर पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद पांच महीने तक चला एक भीषण शहरी युद्ध हुआ था. इस एरिया में अबू सैय्याफ जैसे समूह और इस्लामिक स्टेट की विचारधारा वाले गुट भी इस क्षेत्र में हैं. ऑस्ट्रेलियाई और फिलीपीनी एजेंसियां अब मिलकर इस हमले के पीछे की साजिश, अंतरराष्ट्रीय संपर्कों और संभावित आतंकी नेटवर्क की कड़ियों की जांच कर रही हैं. बॉन्डी बीच हमला न केवल ऑस्ट्रेलिया के लिए, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिहाज से भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है.
नफरत की विचारधारा से कट्टरपंथी बने
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने मंगलवार को संकेत दिया कि दोनों आरोपी “नफरत की विचारधारा” से कट्टरपंथी बने थे. उन्होंने आगे कहा, “एक दशक से भी पहले ISIS के उभार के बाद से दुनिया चरमपंथ और इस घृणित विचारधारा से जूझ रही है.” अल्बानीज ने बताया कि नावेद अकरम 2019 में ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसी के ध्यान में आया था, लेकिन उस समय उसे तत्काल खतरा नहीं माना गया था. वह एक राजमिस्त्री के रूप में काम करता था. वहीं साजिद अकरम 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया गया था. उसके पास रेजिडेंट रिटर्न वीजा था. वह एक फल विक्रेता था. उसके पास शिकार के लिए कानूनी फायरआर्म लाइसेंस था. उसके पास छह बंदूकें थीं. इनमें से कई हथियार वह बॉन्डी बीच लेकर गया था.
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