Arif Habib: पाकिस्तान ने करीब दो दशकों बाद सबसे बड़ा निजीकरण करते हुए अपनी सरकारी एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PICA) को निजी हाथों में सौंप दिया है. मंगलवार, 23 दिसंबर को इस्लामाबाद में हुई खुली नीलामी में मशहूर उद्योगपति आरिफ हबीब समूह ने 135 अरब पाकिस्तानी रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाकर पीआईए का अधिग्रहण किया. भारतीय मुद्रा में यह राशि करीब 4,300 करोड़ रुपये के बराबर है. इस एयरलाइंस को जिसने खरीदा है उसका नाता पुराना भारत से भी रहा है.
कैसे हुई नीलामी
पीआईए की नीलामी में तीन प्रमुख पार्टियों ने हिस्सा लिया—लकी सीमेंट, निजी एयरलाइन एयरब्लू और निवेश कंपनी आरिफ हबीब ग्रुप. शुरुआत में तीनों कंपनियों ने अपनी सीलबंद बोलियां पारदर्शी बॉक्स में जमा की. बॉक्स खुलने पर आरिफ हबीब ग्रुप 115 अरब रुपये की शुरुआती बोली के साथ सबसे आगे रहा.
इसके बाद लकी सीमेंट ने 105.5 अरब रुपये और एयरब्लू ने 26.5 अरब रुपये की बोली लगाई.
नीलामी के अंतिम चरण में आरिफ हबीब और लकी सीमेंट के बीच प्रतिस्पर्धा चली, लेकिन अंततः आरिफ हबीब ग्रुप ने अपनी बोली बढ़ाकर 135 अरब रुपये कर दी, जिसे कोई चुनौती नहीं मिली और उन्होंने नीलामी जीत ली.
कौन हैं आरिफ हबीब
आरिफ हबीब पाकिस्तान के जाने-माने बिजनेसमैन, उद्यमी और परोपकारी व्यक्ति हैं। वह आरिफ हबीब ग्रुप के संस्थापक हैं, जिसका निवेश वित्तीय सेवाओं, रियल एस्टेट, सीमेंट, उर्वरक, ऊर्जा और इस्पात जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है. उन्होंने 1970 में कराची स्टॉक एक्सचेंज में एक स्टॉकब्रोकर के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में कई बार इसके निर्वाचित अध्यक्ष भी रहे.
गुजरात से है खास कनेक्शन
आरिफ हबीब का भारत से भी ऐतिहासिक नाता रहा है. उनका परिवार मूल रूप से गुजरात के जूनागढ़ जिले के बंटवा का रहने वाला था. 1947 में देश के विभाजन के बाद उनका परिवार गुजरात में अपनी संपत्ति और चाय का व्यवसाय छोड़कर कराची चला गया। आरिफ हबीब का जन्म कराची में ही हुआ.
पाकिस्तान के लिए क्यों अहम है यह सौदा
पीआईए लंबे समय से घाटे, कर्ज और संचालन संबंधी समस्याओं से जूझ रही थी. सरकार को उम्मीद है कि निजीकरण के बाद एयरलाइन की वित्तीय स्थिति सुधरेगी और सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होगी. यह सौदा पाकिस्तान में आगे और निजीकरण की राह खोल सकता है.

