वाशिंगटन : अमेरिका में चर्चा के लिए आए आसियान देशों के नेताओं का स्वागत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा अमेरिका और आसियान देश क्षेत्रीय व्यवस्था से जुडे एक ऐसे साझा नजरिए को आगे बढा सकते हैं, जहां विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीकों से किया जाता हो. इन वार्ताओं में दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रुख पर चर्चा की संभावना है. सम्मेलन के लिए आसियान देशों के 19 नेताओं की मेजबानी कर रहे ओबामा ने कहा, ‘21वीं सदी में एशिया प्रशांत से ज्यादा अवसर कुछ ही क्षेत्रों में हैं.’ थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया का स्वागत कैलीफोर्निया के रैंचो मिराज में करते हुए ओबामा ने कहा, ‘हम एकसाथ मिलकर, साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए अपना सुरक्षा सहयोग भी बढाना जारी रख सकते हैं.’
हाल के वर्षों में, अमेरिका ने क्षेत्र में अपने सहयोगियों और साझेदारों को दी जाने वाली समुद्री सुरक्षा मदद बढा दी है, इससे वैध वाणिज्य को सुरक्षा देने और मानवीय संकट से निपटने की आपसी क्षमताएं सुधरी हैं. ओबामा ने कहा, ‘यहां इस सम्मेलन में, हम उस क्षेत्रीय व्यवस्था के हमारे साझे नजरिए को आगे बढा सकते हैं, जहां नौवहन की स्वतंत्रता समेत अंतरराष्ट्रीय नियम और कायदे बरकरार रखे जाते हों और विवादों का समाधान शांतिपूर्ण एवं कानूनी ढंग से किया जाता हो.’ यह पहली बार है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक शिखर सम्मेलन के लिए आसियान के नेताओं की मेजबानी की है.
दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रामकता का जिक्र दो दिवसीय सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र में किया जा सकता है. इस सागर में चीन और कई दक्षिण पश्चिम एशियाई देश एक दूसरे के साथ संघर्ष की स्थिति में हैं और ये देश दक्षिण चीन सागर में अपने अधिकार का दावा करते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार सुसैन राइस ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं बेहद आश्वस्त हूं कि अगले डेढ दिन में हम जिन विषयों पर चर्चा करेंगे, उनमें (दक्षिण चीन सागर) का मुद्दा अहम होगा. लेकिन यह अकेला मुद्दा नहीं होगा.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि इन नियमों को बरकरार रखने की हमारी साझा प्रतिबद्धताओं को मजबूती मिलेगी.’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हम अपने आसियान के सहयोगियों के साथ इस बात पर काम करना जारी रखेंगे कि हम एकसाथ मिलकर क्या बयान जारी कर सकते हैं? इस बयान में विभिन्न विषयों को शामिल किया जाएगा. इसका फोकस मुख्यत: दक्षिण चीन सागर पर नहीं होगा.’
उन्होंने कहा, ‘हमने निश्चित तौर पर पूर्व में भी आसियान के साथ ऐसे बयान जारी किए हैं और उसमें हम लगातार विवादों के शांतिपूर्ण एवं कानूनी ढंग से विवादों का हल निकालने, वाणिज्य एवं नौवहन की स्वतंत्रता, कानून के शासन के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता रेखांकित करते रहे हैं.’ सभी देशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उनके नेता मौजूद हैं लेकिन म्यामां ने उपराष्ट्रपति न्यान तुन को भेजा है. राइस ने कहा कि पूरे क्षेत्र में उत्तर कोरिया चर्चा का विषय है. अमेरिका और उसके सहयोगियों- जापान एवं रिपब्लिक ऑफ कोरिया में यह निश्चित तौर पर चर्चा का विषय है.

