इस्लामाबाद : ड्रोन हमलों को लेकर अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना ने आज सैन्य अभ्यास के दौरान सफलतापूर्वक एक ‘‘ड्रोन’’ को नष्ट कर दिया. इस अभ्यास को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने देखा.
‘द न्यूज डेली’ के मुताबिक, पंजाब प्रांत के बहावलपुर में कल ‘‘आजम-ए-नौ 4 अभ्यास’’ के दौरान सेना के वायुरक्षा विभाग ने अपनी ड्रोनरोधी तकनीक से सफलतापूर्वक एक ड्रोन को नष्ट कर दिया. सेना ने 35 एमएम ओरलिकॉन गन से ड्रोन पर लक्ष्य साधा था. यह युद्धाभ्यास खैरपुर तमेवली में पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा पिछले पांच सालों में किए गए संयुक्त सैन्य अभ्यासों का ही एक हिस्सा था. खैरपुर तमेवली अंतरराष्ट्रीय सीमा से 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
पाकिस्तान में ड्रोन हमला लोगों के बीच एक भावनात्मक विषय बन गया है. शुक्रवार को सीआईए-संचालित जासूसी विमान द्वारा किए गए हमले पर लोगों की राय भी बंटी हुई है. इस हमले में पाकिस्तान तालिबान का प्रमुख हकीमुल्लाह महसूद मारा गया था. कुछ को छोड़कर आमतौर पर सभी पाकिस्तानी राजनीतिक नेताओं ने इस हमले की निंदा की है. उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई जानबूझकर तालिबान के साथ शांतिवार्ता प्रभावित करने के इरादे से की गई.
हालांकि रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व सेना अधिकारी पाकिस्तान के नंबर एक दुश्मन के मारे जाने से खुश हैं. ड्रोन हमले के बाद से कई राजनीतिक और धार्मिक तबके यह मांग करते रहे हैं कि अमेरिका संचालित इन मानवरहित विमानों को मार गिराया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विमान द्वारा कोलिस्तान रेगिस्तान में गोलीबारी क्षेत्र के पास स्थित हेलीपैड पर पहुंचने पर उनका स्वागत कयानी ने किया.
वे स्वयं एक सैन्य जीप पर सवार होकर प्रधानमंत्री का स्वागत करने पहुंचे थे. इस अभ्यास में पाकिस्तान की सेना के बख्तरबंद और तोपखाने के सैनिकों के दस्ते, वायु रक्षा और नागरिक उड्डयन विभाग के साजो सामान शामिल थे, जिनमें एफ-16, जेएफ-17 थंडर, एफ7पी और दुश्मनों के हमले का जवाब देने में सक्षम मिराज एयरक्राफ्ट शामिल थे.
शरीफ ने कहा कि सरकार ने इस बात पर अपनी राय साफ कर दी है कि पाकिस्तान और अन्य क्षेत्रों में शांति और स्थायित्व कायम करने के पाकिस्तान के प्रयासों के बीच ये ड्रोन हमले पाकिस्तानी संप्रभुता का उल्लंघन हैं और ये हमले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का भी उल्लंघन है.
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के लिए कोई विदेशी निर्देश नहीं मानेगी. उन्होंने कहा कि वे दिन लद गए जब देश की नीति विदेशों से आने वाले एक फोन से निर्धारित की जाती थीं.