इस्लामाबाद : पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई को सरकार के अंतर्गत लाने की ओर कदम बढ़ाते हुए सीनेट ने एजेंसी की निगरानी के लिए संसद की महत्वपूर्ण भूमिका की सिफारिश की है हालांकि एजेंसी के पास लोगों को गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने का अधिकार रहेगा. मानवाधिकार पर स्थाई समिति में आम सहमति से स्वीकार किए गए प्रस्ताव को पिछले बुधवार को सदन में पेश किया गया था और सीनेट में रखा गया. समिति ने पिछले वर्ष ही गिरफ्तारियों पर संज्ञान लेते हुए इस मामले में एक उप-समिति का गठन किया था.
पीपीपी से सीनेटर और यह रिपोर्ट तैयार करने वाली तीन-सदस्यीय समिति के समन्वयक फराहतुल्ला बाबर ने बताया, ‘‘परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमने आधा दर्जन सिफारिशें की हैं. मुख्य सिफारिश है.सुरक्षा एजेंसियों को गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने के अधिकार दिए जाएं लेकिन उसके साथ ही उन्हें संसदीय निगरानी में रखा जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में एजेंसियां जब किसी को गिरफ्तार करती हैं तो उन्हें पता नहीं होता कि आगे क्या करना है. बुधवार को सीनेट में प्रस्तावित सुधारों को शामिल करने के बाद इस रिपोर्ट को मानवाधिकार पर 15 सदस्यीय स्थाई समिति ने स्वीकार कर लिया है.’’
नीति के अनुसार, सरकार के पास इन सिफारिशों को पूर्णत: या किसी सुधार के साथ 60 दिन के भीतर लागू करना होगा. ‘डॉन’ अखबार ने अपनी खबर में इस संबंध में विस्तार से लिखा है. खबर के अनुसार, सिफारिशों में कहा गया है कि एक द्विसदनीय खुफिया एजेंसी बनायी जाए तथा नागरिकों को गिरफ्तार कर हिरासत में रखे जाने की समस्या के समाधान के रास्ते सुझाने के लिए सुरक्षा समिति का गठन किया जाए.