लंदन: अमेरिका के पूर्व सुरक्षा कॉन्ट्रैक्टर और भगौडे करार दिए गए एडवर्ड स्नोडेन ने अमेरिका के फोन रिकॉडरें के बडे संग्रह जुटाने पर रोक लगाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए इसकी सराहना की है और अभियान चलाने वालों से कहा है कि वे इसे जारी रखें.
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अमेरिका की खुफिया ताकतों पर रोक लगाना ‘ऐतिहासिक’: एडवर्ड स्नोडेन
लंदन: अमेरिका के पूर्व सुरक्षा कॉन्ट्रैक्टर और भगौडे करार दिए गए एडवर्ड स्नोडेन ने अमेरिका के फोन रिकॉडरें के बडे संग्रह जुटाने पर रोक लगाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए इसकी सराहना की है और अभियान चलाने वालों से कहा है कि वे इसे जारी रखें. अमेरिकी सीनेट ने […]
अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की शक्तियों को सीमित करने वाला एक ऐतिहासिक विधेयक पारित किया.सरकार के खुफिया कार्यक्रमों की जानकारियों को वर्ष 2013 में उजागर करने से पहले स्नोडेन इसी एजेंसी में कॉन्ट्रैक्टर के रुप में काम करते थे.
कल विधेयक के पारित होने के कुछ ही समय पहले लंदन में एमनेस्टी इंटरनेशनल के एक आयोजन में लाइव वीडियो के जरिए रुस से अपना संदेश देते हुए स्नोडेन ने कहा कि व्यापक स्तर पर की जाने वाली निगरानी को खत्म करने के प्रयास ‘‘पर्याप्त नहीं’’ हैं लेकिन ‘‘यह एक महत्वपूर्ण कदम’’ है.
स्नोडेन ने कहा, ‘‘यह अर्थपूर्ण है, महत्वपूर्ण है और असल में ऐतिहासिक भी है कि इसे न सिर्फ अदालतों द्वारा बल्कि कांग्रेस द्वारा भी गलत ठहराया गया है. राष्ट्रपति खुद कह रहे हैं कि व्यापक स्तर की इस निगरानी का अंत होना है.’’
‘यूएसए फ्रीडम एक्ट’ राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के उन टेलीफोन डाटा के महाजाल पर रोक लगाता है, जो कि उन लाखों अमेरिकियों से जुटाया जाता रहा है, जिनका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है. यह वर्ष 2001 में अमेरिका पर हुए 9:11 हमलों के बाद अस्तित्व में आए सबसे विवादास्पद निगरानी कार्यक्रमों में से एक है.
इस विधेयक पर राष्ट्रपति बराक ओबामा के हस्ताक्षर होने के बाद यह कानून की शक्ल ले लेगा.यह अधिकारियों को टेलीफोन कंपनियों से सिर्फ तभी जानकारी हासिल करने की अनुमति देता है, जब उसके पास किसी आतंकवाद रोधी अदालत का वारंट हो.स्नोडेन ने व्यापक स्तर पर डाटा जुटाने की भारी आलोचना करते हुए कहा कि यह आतंकी हमले रोकने में विफल रहा है जबकि इससे लोगों की आजादी का हनन हुआ है.
स्नोडेन ने लोगों से कहा, ‘‘यदि हम सबकुछ इकट्ठा करते जाएं, तो हमें समझ कुछ नहीं आता.हम जिस तरह से संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे जन सुरक्षा की स्थिति में कोई लाभ नहीं होता है और इसकी असली कीमत आजादी के रुप में चुकानी पड रही है.’’ अस्थायी राजनैतिक शरण के तहत स्नोडेन फिलहाल रुस में हैं.
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