कराची : नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी के कारण दोनों देशों के बीच उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान ने आज 337 भारतीय नागरिकों को रिहा किया. इनमें से ज्यादातर मछुआरे हैं.
दक्षिण सिंध प्रांत के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मलीर जेल से 329 कैदियों को रिहा किया गया जबकि आठ किशोरों को लांधी स्थित ‘यूथफुल ऑफेंडर होम’ से रिहा किया गया. दोनों जेल सिंध की राजधानी कराची में स्थित हैं.
जेल अधीक्षक शुजा हैदर ने बताया, ‘‘मलीर जेल से एक भारतीय कैदी को रिहा नहीं किया जा सका क्योंकि उसकी नागरिकता के संबंध में कुछ विवाद है.’’ ज्यादातर भारतीय मछुआरे हैं जिन्हें विवादित सर क्रीक पार कर पाकिस्तान में प्रवेश करने के आरोप में नौवहन सुरक्षा एजेंसी ने गिरफ्तार किया है. रिहा किए गए सभी कैदी अपनी सजा काट चुके हैं. हैदर ने कहा कि भारतीय कैदी घर जाने को लेकर बहुत खुश थे.
उन्होंने कहा, ‘‘सभी कैदियों को आठ वातानुकुलित बसों में लाहौर भेजा गया है. सरकार ने उन्हें भोजन और नगदी दी है.’’ उन सभी को कल वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा जाएगा.
पाकिस्तान की ओर से सद्भावना भरा कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हुई गोलीबारी के कारण तनाव की स्थिति है. दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर संघर्षविराम के संबंध में वर्ष 2003 में हुई संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है.
दो सप्ताह पहले पाकिस्तानी सैनिकों के हमले में पांच भारतीय सैनिकों की हत्या किए जाने के बाद द्विपक्षीय संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. पाकिस्तान की सेना ने कल कहा कि भारतीय सैनिकों की गोलीबारी में उसके दो सैनिक मारे गए हैं.
पाकिस्तान और भारत अक्सर समुद्री सीमा के उल्लंघन के आरोप में एक दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं. ‘मछुआरा संघ’ के प्रवक्ता ने बताया कि सिंध की जेल में करीब 100 कैदी बंद हैं. उनमें से तीन किशोर ‘युवा बंदी गृह’ में बंद हैं.उन्होंने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि भारत सरकार इस कदम के सापेक्ष कदम उठायेगी और भारत की जेलों में बंद करीब 150 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करेगी.’’