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तमिल में श्रीलकाई राष्ट्रगान गाने की इजाजत देने पर विवाद में फंसे सिरिसेना

कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना राष्ट्रगान को तमिल में गाने की अनुमति देकर विवादों में घिर गए हैं और उनकी अपनी ही श्रीलंकन फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) ने इस कदम की आलोचना की है. पार्टी के नेता सरत वीरशेकरा ने संसद में कहा, यह कुछ नहीं बल्कि विश्वासघात है. महज 20 लाख तमिलों को […]

कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना राष्ट्रगान को तमिल में गाने की अनुमति देकर विवादों में घिर गए हैं और उनकी अपनी ही श्रीलंकन फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) ने इस कदम की आलोचना की है.
पार्टी के नेता सरत वीरशेकरा ने संसद में कहा, यह कुछ नहीं बल्कि विश्वासघात है. महज 20 लाख तमिलों को खुश करने का फैसला है. वीरशेकरा राजनीति में आने से पहले श्रीलंका की नौसेना में वरिष्ठ कमांडर थे. उन्होंने कहा कि भारत में 6.5 करोड तमिल होने के बाद भी राष्ट्रगान तमिल में नहीं गाया जाता है.
उन्होंने कहा, हमारे संविधान में स्पष्ट लिखा गया है कि राष्ट्रगान बस राजकीय भाषा में गाया जाए. हालांकि, पार्टी प्रवक्ता और पूर्व वरिष्ठ मंत्री डिलान पेरेरा ने कहा, यह उनका निजी विचार है न कि पार्टी का. हम इस संवैधानिक प्रावधान में यकीन करते हैं कि राष्ट्रगान के तमिल संस्करण की इजाजत है.
उन्होंने कहा, इसी नस्लवादी दृष्टिकोण की वजह से राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे हार गए. हालांकि, पूर्व भाषा मंत्री वासुदेवा नानयाक्कारा ने कहा कि राष्ट्रगान के तमिल संस्करण की इजाजत देने में कोई हर्ज नहीं है.
राष्ट्रपति सिरिसेना ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह सभी संस्थानों को इस आशय का परिपत्र भेजना चाहते हैं कि तमिल में श्रीलंका के राष्ट्रगान को गाने पर कोई रोक नहीं है. इसे सुलह की दिशा में एक बडा कदम माना जा रहा है.
उनके पूर्ववर्ती महिंदा राजपक्षे ने 2010 से अनधिकारिक रुप से तमिल में राष्ट्रगान गाने पर रोक लगा रखी थी.

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