इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने उन सभी मामलों में मृत्युदंड पर लगी रोक हटा ली है जिनमें अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। पेशावर आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद से जुडे मामलों में मौत की सजा बहाल करने के पिछले फैसले का (अन्य मामलों में भी) विस्तार कर दिया गया है.
अधिकारियों ने आज बताया कि गृहमंत्रलय ने संबंधित अधिकारियों को मृत्युदंड पाए ऐसे सभी कैदियों की मौत की सजा जल्द तामील करने का निर्देश दिया जो अपील और क्षमादान की सारी गुजाइंशों में विफल रहे हैं.
सरकार का यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब एक अदालत ने मुमताज कादरी के मामले में आतंकवाद निरोधक कानून लगाए जाने को अमान्य करार दिया. कादरी ने वर्ष 2011 में गवर्नर सलमान तासीर की हत्या की थी.
अदालत के इस फैसले के बाद आलोचकों ने अटकलें लगायी है कि कादरी मृत्युदंड से बच निकल सकता है क्योंकि मौत की सजा बस आतंकवाद के मामलों में लगायी जा रही है.
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पेशावर आतंकवादी हमले के बाद दिसंबर में मृत्युदंड पर रोक हटाने का एलान किया था जो स्वैच्छिक ढंग से लगायी गयी थी. लेकिन उनका फैसला आतंकवाद के मामले में दोषी ठहराए गए लोगों पर ही लागू था. पेशावर के एक आर्मी स्कूल पर तालिबान आतंकवादी हमले में 150 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर बच्चे थे.
आज के फैसले से अन्य मामलों में भी मृत्युदंड की सजा बहाल कर दी गयी.