वाशिंगटन : ओबामा सरकार ने भारत-पाक के मतभेदों के हल के लिए एक विशेष दूत नियुक्त करने की बात से इनकार किया है लेकिन कहा कि दोनों देशों में नियुक्त अमेरिकी राजदूत उनके बीच वार्ता को प्रोत्साहित करने के लिए वहां की सरकारों से बात कर रहे हैं.अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मैरी हार्फ ने कल कहा, ‘‘हमें लगता है कि हम उन्हें वार्ता और विवाद के हल के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं. लेकिन ऐसा करने के लिए दूत नियुक्त करना जरुरी नहीं है. मुझे लगता है कि हमारे राजदूत इस संबंध में काम कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के बीच वार्ता आगे बढ़ने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे.
मैरी ने कहा, ‘‘हम नियंत्रण रेखा पर किसी तरह की हिंसा को लेकर चिंतित हैं. हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें इन मुद्दों पर एक दूसरे के सपंर्क में हैं. हम वार्ता को प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे.’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान में नियुक्त हमारे राजदूतों ने हाल की इन घटनाओं को लेकर दोनों देशों की सरकारों के साथ चर्चा की है और हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने के लिए हाल में जो कदम उठाए थे, वह उन्हें जारी रखेंगे.’’ मैरी ने कहा कि कश्मीर को लेकर अमेरिका की नीति नहीं बदली है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी भी विश्वास है कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता की गति, संभावना और प्रकृति का निर्धारण दोनों देशों को एक दूसरे के साथ मिलकर करना है.’’ उन्होंने कहा कि हम इसमें तब शामिल होंगे जब हमें ऐसा करना उचित लगेगा.