वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में पुनर्संतुलन स्थापित करने के तहत भारत के साथ संबंधों में संभावना के द्वार खोलने को तैयार है. ओबामा हाल ही में भारत के आधिकारिक दौरे से लौटे हैं.
कांग्रेस को दूसरी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (एनएसएस) भेजते हुए ओबामा ने कहा, हम भारत के साथ अपने संबंधों में संभावना के द्वार खोलने को तैयार हैं. उन्होंने कहा, एशिया एवं प्रशांत को पुनर्संतुलित करने का हमारा प्रयास अधिक साझीदारों और सहयोगियों के साथ गहरे संबंध पैदा कर रहा है. जब यह पूरा होगा तो पार-प्रशांत साझेदारी व्यापार एवं निवेश के अवसर पैदा होंगे और पूरे क्षेत्र में घरेलू स्तर पर भी उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा होंगी. यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार के 40 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है. राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति 30 से अधिक पृष्ठों में है. इसमें कहा गया है कि दक्षिण एशिया में अमेरिका भारत के साथ अपनी रणनीतिक एवं आर्थिक साझेदारी को मजबूती देना जारी रखेगा.
इसमें कहा गया, दुनिया के सबसे बडे लोकतांत्रिक देशों के तौर पर हम साझा मूल्यों और परस्पर हितों को साझा करते हैं जो हमारे बीच सहयोग खासकर सुरक्षा, ऊर्जा एवं पर्यावरण के क्षेत्र में सहयोग की बुनियाद रखता है.
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में कहा गया, हम सुरक्षा के क्षेत्रीय प्रदाता और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संस्थाओं में उसकी विस्तृत भागीदारी की भूमिका का समर्थन करते हैं. हम भारत की ऐक्ट ईस्ट नीति के साथ रणनीतिक सम्मिलन देखते हैं तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र को पुनर्संतुलित बनाने की नीति पर अमल करते रहेंगे. इसमें कहा गया, इसके साथ ही हम दक्षिण एवं मध्य एशिया में रणनीतिक स्थिरता को बढावा देने, आतंकवाद का मुकाबला करने और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को आगे बढाने के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे. ओबामा प्रशासन की यह दूसरी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति है. पहली राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति मई, 2010 में जारी की गई थी. राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि चीन के साथ अमेरिका के सहयोग की संभावना अप्रत्याशित है.
