22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हर महीने 5000 सीरियाई लोगों की मौत: यूएन

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सीरिया में संघर्ष ने पिछले 20 वर्षों में शरणार्थियों का सबसे बड़ा संकट खड़ा कर दिया है, जहाँ इस साल हर दिन औसतन 6000 लोगों को घर छोड़कर भागना पड़ा है. शरणार्थी मामलों के संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटरेज़ ने कहा है कि 1994 में रवांडा के जनसंहार के […]

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सीरिया में संघर्ष ने पिछले 20 वर्षों में शरणार्थियों का सबसे बड़ा संकट खड़ा कर दिया है, जहाँ इस साल हर दिन औसतन 6000 लोगों को घर छोड़कर भागना पड़ा है.

शरणार्थी मामलों के संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटरेज़ ने कहा है कि 1994 में रवांडा के जनसंहार के बाद से कभी भी शरणार्थियों की दर इतने भयावह तरीक़े से नहीं बढ़ी है.

उन्होंने संयक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए ये जानकारी दी. वहाँ ये भी बताया गया कि सीरिया में हर महीने लगभग 5,000 लोग मारे जा रहे हैं.

क्लिक करेंसंयुक्त राष्ट्रकी मदद मामलों की प्रमुख वैलेरी एमोस ने कहा कि लगभग 68 लाख सीरियाई लोगों को तुरंत मदद की ज़रूरत है.

राष्ट्रपति बशर अल असद की वफ़ादार सेना और उनकेक्लिक करेंविरोधियोंके बीच लगातार इस बात को लेकरक्लिक करेंसंघर्ष जारीहै कि देश पर नियंत्रण किसका रहेगा.

यूएन में गतिरोध

इस संकट को लेकरक्लिक करेंसंयुक्त राष्ट्रसुरक्षा परिषद में भी गतिरोध बना रहा है क्योंकि अमरीका, ब्रिटेन और फ़्रांस जैसे देश असद के विरुद्ध कार्रवाई के जो भी प्रस्ताव रखते हैक्लिक करेंरूसऔर चीन उसका विरोध कर रहे हैं.

"एक ओर जहाँ सीरिया से लगातार उसके अपने लोग जा रहे हैं वहीं राजनीतिक समाधान और संघर्ष की समाप्ति की संभावना क्षीण बनी हुई है"

एंतोनियो गुटरेज़, शरणार्थी मामलों के प्रमुखयूएन

गुटरेज़ ने कहा है कि सीरिया में इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक संयुक्त राष्ट्र के पास जो भी 18 लाख शरणार्थी पंजीकृत हुए हैं उनमें से लगभग दो तिहाई सीरिया छोड़कर भागे हैं. इसका मतलब हुआ लगभग 6,000 लोग प्रतिदिनक्लिक करेंपलायनकर रहे हैं.

गुटरेज़ का कहना था, "सीरिया के पड़ोसियों ने बड़ी तादाद में लोगों को अपनी ज़मीन पर सुरक्षित रहने दिया है, इस तरह से लाखों लोगों की जान बची है. मगर इस उदारता की एक बड़ी क़ीमत भी है."

उनके मुताबिक़, "एक ओर जहाँ सीरिया से लगातार उसके अपने लोग जा रहे हैं वहींऔर संघर्ष की समाप्ति की संभावना क्षीण बनी हुई है. इस तरह पड़ोसी देशों में भी अस्थिरता की आशंका परेशान करने वाली बात है."

गुटरेज़ ने पड़ोसी देशों में ख़ासकर लेबनान, जॉर्डन और इराक़ का ज़िक्र किया जहाँ बड़ी तादाद में सीरियाई लोगों ने शरण ली है.

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले ही महीने कहा था कि मार्च 2011 में विद्रोह की शुरुआत से लेकर अब तक वहाँ लगभग 93 हज़ार लोग मारे गए हैं.

संयुक्त राष्ट्र में सीरिया के राजदूत बशर जाफ़री ने कहा कि उनकी सरकार हरसंभव क़दम उठा रही है जिससे मानवीय ज़रूरतें और अपने नागरिकों की बुनियादी ज़रूरतें पूरी हो सकें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें